मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने बड़ी कार्रवाई है। गांधी मेडिकल कॉलेज के शासकीय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य राधिका नायर को पद से हटा दिया गया है।
उनकी जगह अब लीला नलवंशी को प्राचार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा जीएमसी के 12 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टरों समेत प्रदेश के 70 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र जारी कर विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं।
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में शासन ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। राज्य सरकार ने शासकीय नर्सिंग कॉलेज जीएमसी की प्राचार्य राधिका नायर को पद से हटा दिया है। साथ ही गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के एक दर्जन से अधिक नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों समेत प्रदेशभर के लगभग 70 लोगों के विरुद्ध चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं।मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि मध्य प्रदेश की सरकार सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रही है। असली गुनहगार अब तक आजाद है। सरकार लीपापोती कर असली गुनहगारों को बचाने का प्रयास कर रही है। यह सिर्फ एक घोटाला नहीं बल्कि मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कलंक है।
उमंग सिंघार ने आगे कहा कि रजनी नायर को हटाना सिर्फ दिखावटी कार्रवाई है। असली सवाल ये है क्या अब तक की भर्ती में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं पर कोई कार्रवाई होगी? लीला नलवंशी की नियुक्ति के पीछे सरकार की मंशा क्या है? क्या ये जांच को प्रभावित करने की कोशिश है? सालो से जारी इस घोटाले में सरकार ने पहले चुप्पी साधी, सअब लीपापोती कर रही है। जनता जानना चाहती है कि नर्सिंग घोटाले में सरकार की चुप्पी किसे बचाने के लिए है?नर्सिंग घोटाले में सिर्फ 70 पर जांच की गई लेकिन असली गुनहगार अब तक आज़ाद।
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की भूमिका पर सवाल
इधर NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने वर्तमान चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरूण राठी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि घोटाले के कई आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। एक वर्ष पूर्व तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने लगभग 110 नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, लेकिन वर्तमान आयुक्त द्वारा केवल 70 के लगभग लोगों के विरुद्ध ही आरोप पत्र जारी किए गए हैं। यह कहीं न कहीं गंभीर दोषियों को बचाने का प्रयास प्रतीत होता है।
आंदोलन की चेतावनी
रवि परमार ने चेतावनी दी है कि यदि पूरे मामले की निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई और सभी दोषियों को सजा नहीं मिली, तो NSUI प्रदेशभर व्यापक आंदोलन करेगी। परमार ने मांग करते हुए कहा कि सभी 110 संदिग्ध नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
परमार ने बताया कि नर्सिंग महाघोटाले में जिनको नोटिस जारी हुए थे उनमें जीएमसी के पूर्व प्राचार्य रोसी शाहुल समेत प्रोफेसर में डॉ जितेंद्र महावर , डॉ हरिसिंह मकवाना , डॉ संदीप कुमार मर्सकोले , डॉ वीरेंद्र धुर्वे वहीं नर्सिंग स्टाफ में रजनी नायर, प्रियदर्शनी डेहरिया दीपिका कुंभारे, राजश्री मालवीय शामिल हैं लेकिन इन पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुए। ।
Comments