मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश में लाउड स्पीकर पर बैन लग गया है. मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. मोहन यादव ने पहला बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री का चार्ज लेने के बाद पहला आदेश जारी करते हुए लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस आदेश के मुताबिक, धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों पर लाउड स्पीकर को बैन किया गया है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला दिया गया है.
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने पहला आदेश जारी किया है. गृह विभाग से जारी इस आदेश के मुताबिक धार्मिक और अन्य स्थलों पर नियमों के खिलाफ बजने वाले लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
आदेश के मुताबिक धर्म गुरुओं से संवाद और समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकर को हटाने की कोशिश की जाएगी. ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाई जाएगी जहां नियमों और निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. सीएम ने पूजा अर्चना के बाद पदभार संभाला और पहला आदेश जारी किया.
इसके बाद उन्होंने कैबिनेट की पहली मीटिंग भी की, जिसमें दोनों डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा मौजूद रहे.
इससे पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद डॉ. मोहन यादव उज्जैन पहुंचे. यहां उन्होंने श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजन किया. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शपथ ग्रहण करने के बाद बाबा महाकाल के दरबार में आया हूं. नया दायित्व मिला है, बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने आया हूं.
मोदी जी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार एमपी में और प्रगति करेगी.’ नए CM के महाकालेश्वर मंदिर आगमन पर गर्भगृह और नंदी हॉल को 5 क्विंटल फूलों से सजाया गया. पहली बार किसी मुख्यमंत्री के लिए मान सरोवर से नगाड़ा गेट तक रेड कार्पेट बिछाया गया.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पहली राजनीतिक नियुक्ति की है. रामकृष्ण कुसुमरिया को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. आदेश जारी होते ही कुसमरिया ने पदभार भी संभाल लिया है. बुधवार शाम को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया. इसके पहले उन्होंने मुख्यमंत्री कक्ष में विधिवत पूजा-अर्चना की. इस दौरान उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला के साथ ही मुख्य सचिव वीरा राणा भी मौजूद रहीं.
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