मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राजधानी भोपाल के उसे मामले का पटाक्षेप कर दिया है जिसके कारण देशभर में, मध्य प्रदेश सरकार के विषय में चर्चा शुरू हो गई थी।
राजधानी भोपाल में मंत्रियों के बंगले बनाने के लिए 29000 पेड़ों को काटे जाने की खबर आई थी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वयं बयान देकर इस मामले को स्पष्ट कर दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार 11 जून को मंत्रालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि पर्यावरण के प्रति राज्य सरकार गंभीर है। हाल ही में एक समाचार पत्र में पेड़ों के कटने से जुड़ी खबर आई थी। इस योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ ही नहीं है।
किसी पेड़ की अकाल मृत्यु नहीं होने दी जाएगी। किसी योजना के लिए या निर्माण के लिए पेड़ हटाना ही पड़ा तो वैज्ञानिक ढंग से उसे शिफ्ट करने और अन्यत्र ट्रांसप्लांट पर विचार किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश शासन, जनसंपर्क संचालनालय के उप संचालक दुर्गेश रायकवार की एक रिपोर्ट के अनुसार जल गंगा संवर्धन विशेष अभियान के तहत दिनांक 10 जून तक, निकायों की जल-संरचनाओं के किनारे 29 हजार पेड़ लगाये गये। जल-संरचनाओं में 33 लाख घन मीटर का क्षमतावर्धन किया गया। जल-संरचनाओं से एक लाख 50 हजार (घन मीटर) गाद निकाली गई हैं। श्री
रायकवार की रिपोर्ट में बताया गया है कि, जल गंगा संवर्धन अभियान में 10 जून तक लगभग 99 हजार नागरिकों के जन-सहयोग से नदियों-तालाबों के घाट, कुओं/बाबडियों की साफ-सफाई एवं बावड़ियों पुताई की एवं पानी का सैंपल लेकर लेबोरेटरी में परीक्षण किया गया।
इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि, विकास भी जरूरी है और पेड़ भी जरूरी है। इसलिए विकास के रास्ते में जहाँ पेड़ आयेंगे वहां पेड़ कटेंगे नहीं हम उन्हें ट्रांसप्लांट करेंगे, इंदौर में हमने ऐसा किया है वहां एक भी पेड़ नहीं काटा, भोपाल में भी पेड़ शिफ्ट करेंगे, उन्होंने कहा पेड़ काटे जाने की खबर अफवाह है, इसमें कोई दम नहीं है।
अब मुख्यमंत्री ने बयान दिया है कि इस योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ ही नहीं हुआ है जबकि नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री के बयान में बताया गया है कि पेड़ों को काटा नहीं जाएगा बल्कि ट्रांसप्लांट किया जाएगा। सवाल एक बार फिर उपस्थित हो गया है कि क्या 29000 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया जाएगा।
यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि, सन 2010 में चीन में नानजिंग शहर में 202 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया था। इनमें से ज्यादातर पेड़ 30 फीट से अधिक ऊंचाई के थे। यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या में पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन है। इससे पहले दुबई में 100 पेड़ और मुंबई में 110 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया है। दुनिया भर में आज तक एक साथ 1000 पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन नहीं हुआ है। सवाल उपस्थित है कि क्या मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 29000 पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन किया जाएगा।
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