मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय निर्वाचन आयोग ने हरियाणा चुनाव की तारीखों में बदलाव किया है। आयोग ने हरियाणा के लिए मतदान के दिन को 1 अक्तूबर से संशोधित करते हुए 5 अक्टूबर, 2024 कर दिया है।
इसी तरह जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना का दिन 4 अक्तूबर से बदलकर 8 अक्तूबर कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर में मतदान की तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
भाजपा समेत कई राजनीतिक दलों ने हरियाणा में चुनाव की तारीखों में बदलाव करने का अनुरोध आयोग से किया था। इसके बाद आयोग ने तारीखों में बदलाव किया है।
आयोग ने कहा कि बिश्नोई समुदाय ने गुरु जम्भेश्वर की याद में आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को बरकरार रखा है।
राज्य भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने भारत निर्वाचन आयोग और हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिख मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी। आयोग को लिखे पत्र में भाजपा ने दलील दी थी कि 28 व 29 सितंबर को शनिवार व रविवार है। एक अक्तूबर को मतदान होने की वजह से छुट्टी है। दो अक्तूबर को गांधी जयंती और तीन को अग्रसेन जयंती है। 30 की छुट्टी लेकर छह दिन का लंबा वीकेंड पड़ रहा है। ऐसे में लोग छुटि्टयां मनाने प्रदेश के बाहर जा सकते हैं जिससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है।
भाजपा ने अपने पत्र में यह भी तर्क दिया था कि दो अक्तूबर को आसोज की अमावस्या होने के कारण बीकानेर के मुकाम गांव में बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान है। इसके लिए बिश्नोई समाज के काफी लोग एक अक्तूबर को ही पहुंच जाते हैं। इसका भी मतदान प्रतिशत पर असर पड़ सकता है। भाजपा ने आयोग से यह भी कहा था कि अगली तारीख रखते हुए यह ध्यान रखा जाए कि मतदान की तिथि से एक दिन पहले और मतदान के अगले दिन अवकाश न हो। ऐसा होने से ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बीते हफ्ते चुनाव की तारीख की घोषणा की थी। पूर्व कार्यक्रम के मुताबिक पांच सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी होनी है। वहीं एक अक्तूबर को मतदान और चार को परिणाम घोषित किए जाने थे, लेकिन अब इसमें बदलाव हो गया है।
चुनाव आयोग इससे पहले भी तारीख में बदलाव कर चुका है। साल 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख 14 फरवरी निर्धारित की गई थी। इसके दो दिन बाद रविदास जयंती थी। पंजाब के काफी लोग रविदास जयंती मनाने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं। पंजाब के राजनीतिक दलों के अनुरोध के बाद चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख में परिवर्तन कर दिया था।
इस बार लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से मतदान प्रतिशत में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई थी। 25 मई को भीषण गर्मी थी और लोग घरों से मतदान के लिए नहीं निकले। 2019 में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि बीते मई को 65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।
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