मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी एवं बैतूल जिले के आमला विधानसभा क्षेत्र में चुनावी संभावनाओं के साथ सक्रिय श्रीमती निशा बांगरे के दामन पर दाग लग गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय ने खुलासा किया है कि डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने भोपाल के हाई प्रोफाइल चार इमली इलाके में बहुमूल्य सरकारी बंगले पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। इसके चलते उनके खिलाफ कदाचरण की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से दिनांक 22 जून 2023 को श्रीमती निशा बांगरे पूर्व डिप्टी कलेक्टर भोपाल एवं वर्तमान डिप्टी कलेक्टर छतरपुर के नाम जारी सूचना पत्र में बताया गया है कि, आपको उप जिलाध्यक्ष, भोपाल में पदस्थी के दौरान शासकीय आवास क्रमांक एफ 5/20 चार ईमली आवंटित किया गया था। आपके द्वारा उक्त शासकीय आवास के स्थान पर एफ 5/27 चार इमली से परिवर्तन करवाया गया।
सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) के आदेश 1/1/4/0013/2022-GAD-2-01 (GAD) दिनांक 06.11.2022 द्वारा आपका स्थानांतरण उप जिलाध्यक्ष, भोपाल से उप जिलाध्यक्ष, छतरपुर के पद पर किया गया। उक्त आदेश के पालन में आपके द्वारा नवीन पदस्थापना अनुविभागीय अधिकारी जिला छतरपुर के पद पर कार्यभार ग्रहण किया गया।
संपदा संचालनालय, भोपाल द्वारा उक्त शासकीय आवास क्रमांक एफ 5/27 चार ईमली की आवास धारण अनुमति जारी नहीं किए जाने के उपरान्त भी आपके द्वारा अवैध आधिपत्य बना रखा है।
इस हेतु सम्पदा संचालनालय द्वारा आपको लिखित में भी इस तथ्य से अवगत भी कराया जा चुका है कि आपका आधिपत्य अवैध आधिपत्य की श्रेणी में आ चुका है। 5/ इस प्रकार आपके द्वारा किया गया उक्त कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का उल्लंघन होकर कदाचरण की परिधि में आता है।
इस प्रकार आपने मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम-3 का उल्लंघन कर, अपने आपको दण्ड का भागी बना लिया है। उपरोक्तानुसार आपका कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-10 के अंतर्गत दण्डनीय है।
कुल मिलाकर निशा बांगरे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसी स्थिति में उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा सकता और निशा बांगरे को पूछताछ के लिए भोपाल तलब किया जा सकता है।
उनका संतान पालन अवकाश निरस्त किया जा सकता है और उन्हें राजधानी में अटैच किया जा सकता है। इस प्रकार आमला विधानसभा क्षेत्र के लिए उनकी जितनी भी परियोजनाएं हैं, सभी एक झटके में बंद हो जाएंगी।
श्रीमती निशा ने एक बयान जारी करके कहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है। इधर सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, निशा को इस्तीफा देने से पहले सरकारी आवास खाली कर देना चाहिए था। जब तक इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तब तक इस प्रकार के बयान नहीं देने चाहिए थे।
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