कीर्ति राणा।
कमलनाथ चाहे केंद्र में मंत्री रहे हों, मप्र के मुख्यमंत्री रहे हों या अब छिंदवाड़ा में अपने बेटे की सीट बचाने के लिए अकेले जूझते बाप की भूमिका में हों, छापे और सीडी कांड उनका पीछा ही नहीं छोड़ते।
संयोग यह भी कि उनके दो अनमोल रतन आरके मिगलानी और कमलनाथ ये दोनों पंद्रह महीने की कमलनाथ सरकार में उनके ओएसडी भी रहे हैं और उसी अवधि में दोनों के यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों ने छापे की कार्रवाई भी की है।
जहां तक भाजपा सरकार की कमलनाथ या इन दोनों ओएसडी से खुन्नस की बात करें तो सरकारी एजेंसियां इनके खिलाफ कार्रवाई का माहौल तो खूब बनाती हैं लेकिन प्रदेश का आम भाजपा कार्यकर्ता आज तक चकरघिन्नी है कि सरकारी एजेंसियां उतनी फुर्ती जांच को नतीजे तक ले जाने में क्यों नहीं दिखाती।
कमलनाथ सरकार ने शिवराज सरकार के दौरान हनी ट्रैप का शिकार हुए मोस्ट वीवीआयपी लोगों की पेन ड्राइव- अश्लील सीडी बनाए जाने की जांच शुरु कराई थी वह मामला अभी भी न्यायालय में चल ही रहा है।अब उनके अति विश्वस्त निज सचिव आरके मिगलानी भी अश्लील वीडियो जारी करवाने की जुगाड़ सार्वजनिक होने के कारण उलझ गए हैं।
इस बाहरी हवा की चपेट में कमलनाथ का भोपाल बंगला भी आ गया है। वैसे कमल कुंज और भोपाल बंगले की तलाशी में कोई आपत्तिजनक सामग्री मिलने की जानकारी जांच अधिकारियों ने अब तक नहीं दी है, आरके मिगलानी द्वारा स्वास्थ्यगत कारण बताए जाने पर छिंदवाड़ा पुलिस ने उन्हें अपना जवाब देने के लिए पांच दिन का समय दे दिया है। अब तक तो छिंदवाड़ा हॉट सीट मानी जा रही थी लेकिन वहां के चुनाव पर यह हॉट इशु भारी पड़ सकता है।
इस पूरे हॉट इशु की स्क्रीप्ट को ऐसे भी समझा जा सकता है कि एक पखवाड़े पहले कमलनाथ के खास पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने नकुलनाथ के व्यवहार से दुखी होकर उनका साथ छोड़ कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी।उससे पहले जिस छिंदवाड़ा महापौर अहाके पर कमलनाथ नाज करते थे उनके साथ अन्य नेताओं ने नाथ को टाटा कह कर गले में में कमल दुपट्टा डाल लिया। अब यह कांड उन कमलनाथ के गले पड़ गया है जो अपनी साख बचाने के लिए पिछले लोकसभा चुनाव वाला इतिहास दोहराने के लिए सभा मंचों से छिंदवाड़ा मॉडल की याद दिलाते हुए अपनी जवानी होम करने जैसा इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं।
जिन्हें मिगलानी ने उस दौरान तला वो सब तो बहुत खुश हैं
छिंदवाड़ा तो ठीक प्रदेश में फैले कांग्रेस नेता भी बस आरके मिगलानी का नाम जितना इतिहास ही जानते हैं। इससे ज्यादा जानने या पूछने की किसी की हिम्मत ही नहीं हुई,लेकिन ये सब इससे इंकार नहीं करते कि कमलनाथ की अदृश्य ताकत मिगलानी ही रहे हैं। कांग्रेस की सरकार में आरके मिगलानी कुछ नहीं होते हुए भी सब कुछ की भूमिका में रहे।वल्लभ भवन में उस दौरान कमलनाथ और मंत्री-विधायकों के बीच चीन की दीवार की तरह अड़े रहने वाले मिगलानी के खिलाफ अब पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद से उन पंद्रह महीनों में तले गए कांग्रेस के नेता मन ही मन खुश तो हैं ही, यह भी मान रहे हैं कि पूरे चुनाव में भाजपा इस मुद्दे को जिंदा रखेगी।
अभी क्यों उलझे मिगलानी
छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नकुल पिता कमलनाथ के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू चुनाव लड़ रहे हैं। बंटी साहू ने उनके खिलाफ फर्जी अश्लील वीडियो संबंधी शिकायत की थी।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक शिकायत अमरवाड़ा वार्ड एक निवासी 26 वर्षीय सुदेश पिता कृपाराम नागवंशी ने दर्ज कराई है। शिकायत में लिखा है कि वो एक निजी चैनल का पत्रकार है। 13 अप्रैल को पत्रकार सचिन गुप्ता ने वाट्सएप कॉल पर संपर्क किया और मुझे शिकारपुर बुलाया। मैं शिकारपुर पहुंचा तो सचिन गुप्ता मुझे बंगले के अंदर कार्यालय में ले गया और यहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निज सचिव आरके मिगलानी से मिलाया।
आरके मिगलानी ने सचिन गुप्ता से बात की और फिर एक अश्लील वीडियो देकर उसे वायरल करने कहा। इसके एवज में उसे तीस लाख रुपए देने की बात भी कही गई। इसके बाद सुदेश का दावा है कि वो वहां से निकला और उसे गलत लगा तो उसने अपने परिचित प्रकाश सूर्यवंशी से संपर्क साधा और फिर भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू को इसकी पूरी जानकारी देकर थाने में मामले की शिकायत की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर पूर्व सीएम के निज सचिव आरके मिगलानी और पत्रकार सचिन गुप्ता के खिलाफ धारा 67 (ए) आईटी एक्ट, धारा 188, 500, 120 (बी) भादवि के तहत मामला दर्ज किया है।
पांच दिन का समय दिया-एसपी
एसपी ने बताया है कि इस मामले में पुलिस ने कमलनाथ के बंगले में दबिश भी दी थी. जहां पर कमलनाथ के निजी सहायक आरके मिगलानी ने बताया कि उनकी तबीयत खराब है। उनकी बाईपास सर्जरी के कारण हाई ब्लड प्रेशर रहता है।पुलिस ने धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया है। आरके मिगलानी ने पांच दिनों का समय मांगा है. पुलिस ने 5 दिनों की उन्हें मोहलत देने के साथ दावा किया है कि मिगलानी ने भी पुलिस जांच में सहयोग का वादा किया है।
तब सरकार-सीएस तक को भनक नहीं लगी छापे की
मप्र में कांग्रेस की सरकार रहते तब कमलनाथ के दो ओएसडी थे आरके मिगलानी और दूसरे पूर्व पुलिस अधिकारी प्रवीण कक्कड़।ऐसी गफलत भी तब देखी गई कि केंद्रीय एजेंसियां अपने साथ पुलिस बल लेकर आईं और कमलनाथ, मुख्य सचिव, डीजीपी सहित राज्य की अन्य एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी कि दोनों के यहां छापे की कार्रवाई हो रही है।
जबलपुर के हवाला कांड और दिल्ली में एक उद्योगपति के यहां कुछ समय पहले पड़े छापों से दिल्ली इनकम टैक्स विंग को इसकी जानकारी मिली।अधिकारी एक्टिव हुए और इस हवाला के तार भोपाल में अश्विन शर्मा और इंदौर में ललित छजलानी तक जा पहुंचे। फिर नाम जुड़ा प्रवीण कक्कड़ का और आरके मिगलानी का।तब कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ सहित उनके करीबियों के 50 से अधिक ठिकानों पर आयकर की थी।टैक्स छापों की खबर मुख्यमंत्री कमलनाथ को तड़के सुबह 5 बजे आरके मिगलानी ने दी। तब तक कुछ प्रीमाइसेस में अफसर प्रवेश कर चुके थे। मप्र सरकार बाद में हरकत में आई।तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती छिंदवाड़ा के तामिया में थे। उनका मोबाइल फोन बंद था। उन्हें भी बाद में सूचना मिली।
आयकर विभाग ने तब इनके यहां मारा था छापा
प्रवीण कक्कड़ , कभी केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के निजी सचिव रहे पूर्व पुलिस अधिकारी कक्कड़ बाद में कमलनाथ के ओएसडी हो गए थे।
मिगलानी तो कमलनाथ के पहले लोकसभा चुनाव से ही उनके साथ हैं। मिगलानी के साथ ही आर्म्स डीलर अश्विन शर्मा और प्रतीक जोशी के यहां भी छापा मारा था ये दोनों आपस में रिश्तेदार भी हैं।
रतुल पुरी, कमलनाथ के भांजे हैं। वे अमिरा ग्रुप और मोजेर बियर कंपनी से जुड़े हैं। ईडी अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर मामले में पूछताछ कर ही रही है। हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स प्रालि. के अध्यक्ष भी हैं। कमलनाथ के साथ दावोस दौरे पर गए थे।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।
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