वनमंत्री नहीं गए कभी मेला, अंतर्राष्ट्रीय नहीं, अंतर्राज्यीय होगा वन मेला

खास खबर            Jan 23, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के वनमंत्री नागर सिंह चौहान कभी वनमेले नहीं गए। यह जानकारी आज उन्होंने 24 जनवरी से आयोजित होने वाले वनमेले की पत्रकार वार्ता में दी। जानकारी चौकाने वाली इसलिये भी है क्योंकि जनजातीय क्षेत्र अलीराजपुर से संबंधित होने के साथ ही यह 2003 से विधायक हैं। 2018 के चुनाव में हार के बाद हालिया चुनाव में विधानसभा के लिये चौथी बार निर्वाचित होकर मंत्री बने हैं।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हर साल लगने वाला वन मेला इस बार अंतर्राष्ट्रीय नहीं अंतर्राज्यीय होगा। लाल परेड जैसे विशाल मैदान के बजाय भोपाल हाट जैसे संकुचित स्थान को लेकर यह कहना है वनमंत्री नागर सिंह चौहान का।

इस मेले में इस बार सिर्फ उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों को ही आमंत्रित किया गया है। जबकि 2001 से शुरू हुए इस प्रदेश स्तरीय मेले को वर्ष 2011 में अंतर्राष्ट्रीय विस्तार दिया गया था। इसके बाद भूटान, श्रीलंका सहित कई देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल होते रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2018 के कारण मेला नहीं लगाया गया था।   

28 जनवरी तक चलने वाले इस चार दिवसीय आयोजन की लेट-लतीफी को लेकर इनका कहना था कि विधानसभा चुनाव  के मद्देनजर शुरू हुई चुनावी और राजनैतिक गतिविधियों के कारण यह मेला दिसंबर के बजाय जनवरी में लगाया जा रहा है।

जबकि श्योपुर के कूनों में मृत हुए चीतों को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर उन्होंने बताया कि सभी मौतों की मेडिकल  जांच कराई जाएगी। यदि किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है, तो जिम्मेदारी तय कर उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

मल्हार मीडिया ने जब वनमंत्री से सवाल पूछा कि क्या ऐसा नहीं लगता कि कूनो की जलवायु पर्यावरण चीतों के लिए मुफीद नहीं है उस पर काम किया जाना चाहिए उन्होंने कहा हां इस पर रिसर्च होनी चाहिए।

दरअसल पत्रकार वार्ता में उनसे चीतों की मौत पर सवाल पूछा गया था तो उनका जवाब था मौत तो ऐसी है कि एक न एक दिन तो सबको आती है हम इंसानों को भी आती है।

इसके पहले कूनों की मादा चीता ज्वाला के द्वारा 3 शावकों के जन्म की जानकारी देते हुए प्रदेश को चीता स्टेट बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया। साथ ही विश्वास जताया कि यह 4 दिवसीय आयोजन राज्य के लघुवनोपज संग्राहकों और प्रदेश की पहचान कायम रखेगा। इसके साथ ही दूसरे राज्यों के लोगों के लिये यह राज्य की औषधीय धरोहर से अवगत कराने का अवसर भी बनेगा।

राज्यपाल करेंगे शुभारंभ

राज्यपाल मंगुभाई पटेल इस मेले का शुभारंभ आज शाम 5 बजे करेंगे। लघु वनोपज से समृद्धि विषय पर आयोजित इस मेले में विक्रय के 120 स्टॉल लगाए जा रहे हैं। इसके साथ 20 ओपीडी स्टॉल के माध्यम से 40 वैद्य नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श प्रदान करेंगे। इसके अलावा मप्र के 19 वनधन केंद्र एवं 55 जिला यूनियन के स्टॉल भी अपने नवाचारों के साथ मेले में लोगों का आकर्षण बनेंगे। मेले में प्रतिदिन सांस्कृति संध्या आयोजित की गई है। 27 जनवरी को क्रेता-विक्रेता सम्मेलन भी होगा।

 


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