मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में तीन साल पहले शनिवार का कार्यालयीन दिवस खत्म करने के साथ दफ्तर में काम के घंटे बढ़ाने के सरकार के आदेश पर राजधानी समेत जिला मुख्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी गंभीर नहीं हैं।
दफ्तरों में अधिकारी और कर्मचारी दोपहर 12 बजे तक पहुंच रहे हैं जबकि इसके लिए दस बजे का समय तय है। इसे देखते हुए अब मोहन यादव सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए फिर से आदेश जारी कर समय पर दफ्तर पहुंचने के निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना के दौरान 2020 और 2021 में शनिवार को दफ्तर लगना बंद कर दिया गया था। इसके बाद सरकार ने यह तय किया कि केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश में भी फाइव डे वर्किंग रखी जाए, और शनिवार को दफ्तरों की छुट्टी रखी जाए।
इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 8 अप्रैल 2021 को आदेश जारी कर सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, विभागों के विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त, राजस्व मंडल, कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत को निर्देश जारी कर कहा कि प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों में कार्यालय का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक तय किया जा रहा है। सरकार ने पूर्व के समय 10.30 बजे और शाम के समय 5.30 बजे के बजाय सुबह और शाम का वर्किंग टाइम आधा-आधा घंटा बढ़ा दिया था।
जीएडी के इस आदेश के बाद कार्यालय समय बढ़ने पर महीने के सभी शनिवार को अवकाश रहने लगा। जबकि कोरोना काल के पहले जो व्यवस्था लागू थी उसमें महीने के दूसरे और तीसरे शनिवार को सरकारी और अर्धसरकारी दफ्तरों में अवकाश रहता था और पहले व चौथे शनिवार को दफ्तर लगते थे।
अधिकारी खुद टाइम से आएं, अधीनस्थों को भी बुलाएं
तीन सालों से लागू इस व्यवस्था का असर यह है प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में न अधिकारी और न कर्मचारी टाइम से पहुंच रहे हैं। जिलों में तो हालात ऐसे हैं कि प्रशासन से सीधा संपर्क न रखने वाले कई विभागों में अधिकारी और कर्मचारी दोपहर 12 बजे तक दफ्तर पहुंचते हैं।
इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक बार फिर सभी संबंधित विभागों को स्मरण पत्र लिखकर समय पर दफ्तर पहुंचने और तय समय तक दफ्तर में रहकर काम करने की व्यवस्था याद दिलाई है। जीएडी ने बुधवार को जारी आदेश में सभी विभाग प्रमुखों से कहा है कि वे खुद तय समय सुबह 10 बजे दफ्तर पहुंचें, और अपने अधीनस्थों से भी इसका पालन कराएं।
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