ममता मल्हार।
मध्यप्रदेश में भाजपा नेताओं की बढ़ती बयानबाजी और नाराजगी को रोकने की जिम्मेदारी पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों और संगठन के नेताओं की दी है।
इस मुद्दे पर बुधवार 24 मई की रात सीएम हाउस में एक हाईलेवल मीटिंग हुई। करीब ढाई घंटे हुई इस बैठक में सीएम शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हुए।
यह बैठक पार्टी में फैलती रार की दरार को भरने के लिए की गई थी। इसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिए गए बयानों से बनते नाराजगी के माहौल का डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास भी माना जा रहा है।
गौरतलब है कि भाजपा नेताओं के बयानों के बाद केंद्रीय नेतृत्व की ओर से सीनियर नेताओं के बीच बढ़ते असंतोष को कंट्रोल करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों और संगठन के नेताओं को डैमेज कंट्रोल का काम सौंपा है।
मुख्यमंत्री आवास हाउस में हुई बैठक में गुना सांसद केपी यादव की नारागजी को लेकर भी चर्चा हुई।
शाम करीब 7 बजे से रात 10 बजे तक चली इस बैठक में शामिल होने के लिए केन्द्रीय मंत्री तोमर विशेष विमान से भोपाल आए थे। बैठक के बाद वे दिल्ली वापस लौट गए।
बताया जा रहा है कि इस्तीफों की सुगबुगाहट के बाद केंद्रीय नेता अचानक भोपाल पहुंचे और सीएम शिवराज के साथ में तोमर, पटेल और विजयवर्गीय की गोपनीय बैठक हुई।
इसके बाद वरिष्ठ नेता दिल्ली रवाना हो गए। बताया जा रहा है इस बैठक में सांसद केपी यादव द्वारा की गई बयानबाजी और नाराजगी पर भी चर्चा हुई।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से केपी यादव की नाराजगी बनी हुई है पिछले दिनों एक कार्यक्रम में सिंधिया मंच पर थे लेकिन यादव को नहीं बुलाया गया था। वहां सिंधिया ने 2019 की गलती का बयान दिया था। जिस पर केपी यादव ने नाराजगी जताई थी।
प्रदेश कार्यसमिती की बैठक में भी यह बोला गया था कि पुरानों का सम्मान और नयों का स्थान बना रहे ऐसे प्रयास होने चाहिए। पर सार्वजनिक मंचों पर यह दरारें और दूरियां जगजाहिर होने लगी हैं।
ऐसे में भाजपा के केंद्रीय संगठन को तो सक्रिय होना ही था।
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