मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज मंगलवार 23 मई को अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की है। इसके साथ उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अब अवैध कॉलोनियां कटीं तो अधिकारी जिम्मेदार होंगे। । इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विकास शुल्क समाप्त करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना एक मकान हो। मकान केवल ईंट गारे का भवन नहीं हमारा मंदिर होता है। जिंदगी भर की कमाई लगा कर प्लॉट खरीदा और मकान बना लिया, बाद में सरकार उसे अवैध बताने लगे यह न्याय संगत नहीं है। अवैध ठहराने के इस निर्णय को समाप्त करने ही में आज यहां आया हूं। आज से दिसंबर 2022 तक की सभी कॉलोनियां वैध की जाती हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणाएँ निवास में अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण और नागरिक अधो-संरचना विकास एवं भवन अनुज्ञा प्रदाय कार्यक्रम में की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग को सख्त निर्देश देता हूं कि आगे से अवैध कॉलोनाइजर्स पर नजर रखें। अवैध कॉलोनी बनने पर अफसर भी जिम्मेदार होंगे। अधिकारी इस पर पैनी नजर रखें,अवैध कॉलोनी बननी ही नहीं चाहिए।
मुख्यमंत्री शिवराज ने घोषणा की कि खरीदी बिक्री पर भी विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। वैध मतलब आधी-अधूरी नहीं पूरी की पूरी वैध कॉलोनी। अवैध मतलब क्या हम अपराधी हो गए? यह अवैध का कलंक इन कॉलोनियों का नाम पर जो माथे पर लगा था आज उस कलंक को मिटाने हम आए हैं। काहे की अवैध... क्या हमने कोई गलत कमाई से खरीदी है अपने खून पसीने की कमाई अपना आशियाना बना लिया तो उसको क्यों अवैध कहा जा रहा है?
सीएम शिवराज ने आगे कहा कि इन कॉलोनियों में विकास के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। अधो-संरचना से जुड़ी सभी व्यवस्थाएँ की जाएंगी। पानी और बिजली के साथ ही अन्य व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जायेंगी। इन कॉलोनियों के गरीब रहवासियों से विकास शुल्क नहीं लिया जायेगा। जो मकान जिस रूप में बने हैं उन्हें उसी रूप में स्वीकार कर अनुमति दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि अब अगर अवैध कॉलोनी कटी तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। अधिकारी इस पर पैनी नजर रखें। अवैध कॉलोनी बननी ही नहीं चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मंच से ही आवश्यक निर्देश नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दिए। अब वैध की गई कॉलोनियों के नागरिकों को बैंक ऋण मिल सकेगा। विकास के लिए विधायक एवं सांसद निधि की राशि दी जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि कॉलोनियों में रहवासी संघ भी बनाए जाएँ। कॉलोनियाँ स्वच्छता में पीछे न रहें, इस मंशा के साथ जन अभियान प्रारंभ होना चाहिए। मकान बन जाने के बाद संपूर्ण वातावरण स्वच्छ रखना हमारा कर्त्तव्य है। स्वच्छता और सफाई पर सभी नागरिक ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है। यहाँ रहवासी संघों को सभी नगरीय निकाय आवश्यक सहयोग करें। कॉलोनियों को स्वच्छ और सुंदर बनाने पर ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कई बार ऐसे भू-खंड ले लेते हैं जो अनाधिकृत होते हैं। उस पर मकान निर्मित हो जाने के बाद उसके अवैध होने की जानकारी मिलती है। यह नागरिकों के साथ न्याय नहीं है। अनाधिकृत होने के कलंक को मिटाना है। अपना आशियाना बनाना अवैध नहीं है। राज्य सरकार ग्रामों में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना संचालित कर रही है। शहरों में भी वर्षों पुराने पट्टाधारियों को मालिक बनाया जा रहा है। इसी तरह जीवन भर परिश्रम से अपनी अर्जित कमाई लगा कर मकान बनाने वालों को अनाधिकृत नहीं मान सकते। कॉलोनाइजर गड़बड़ न करें, इस पर भी नियंत्रण आवश्यक है।
इस दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अभी 31 दिसम्बर 2016 तक की 6077 अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही की जा रही है। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अगर 31 दिसम्बर 2022 तक की अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया जाये तो अतिरिक्त रूप से 2500 कॉलोनियों के रहवासी लाभांवित हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों में बने ऐसे मकान जो कंपाउंडिंग की सीमा में आ रहे हैं, उनके नक्शे पास किये जायें। श्री सिंह ने कहा कि गरीब रहवासियों से विकास शुल्क लेने का प्रावधान समाप्त किया जाये तो इससे लाखों गरीब लाभान्वित होंगे। इन कॉलोनियों के नक्शे पास करने के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाई जाये, तो सुविधा होगी। श्री सिंह ने कहा कि अब रहवासियों को समस्त भवन अनुज्ञा, अनुमतियाँ एवं बैंक लोन की पात्रता भी मिल सकेगी। नियमित योजनाओं जैसे अमृत योजना, अधो-संरचना मद तथा सांसद एवं विधायक निधि आदि से विकास कार्य हो सकेंगे। पेयजल, सीवर और विद्युत के वैध कनेक्शन दिये जायेंगे।
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