मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पुरी जगन्नाथ धाम में मंगलवार को आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि में प्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली गई। भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा जी के साथ लाखों जनसमागम के बीच रवाना हुए।
बड़े भाई बलभद्र जी का तालध्वज रथ तो 8 बजकर 5 मिनट पर मौसी के द्वार पर पहुंच गया। हालांकि बहन सुभद्रा जी का दर्प दलन और जगत के नाथ जगन्नाथ जी का नंदीघोष रथ बीच रास्ते में ही रूक गया।
देर रात हो जाने के कारण श्रीमंदिर प्रशासन ने रथ खींचने की प्रक्रिया को आज के लिए स्थगित कर दी है। अब बुधवार सुबह पुन: विधि के मुताबिक, दोनों भाई बहन के रथ को खींचकर मौसी बाड़ी यानी गुंडिचा मंदिर लिया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बलभद्र जी का रथ 8:05 बजे मौसी बाड़ी यानी शरधा बाली पहुंच गया है।
हालांकि इसके पीछे पीछे आ रहे देवी सुभद्रा जी का दर्प दलन रथ गुंडिचा मंदिर एवं बड़शंख के बीच में रुक गया है। वहीं बलगंडी चौक के पास प्रभु जगन्नाथ जी का नंदीघोष रथ भी रुक गया है।
रात हो जाने से अब कल यानी बुधवार को रीति नीति के अनुसार, भाई-बहन के रथ को खींचकर गुंडिचा मंदिर लिया जाएगा। यह जानकारी पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से दी गई है।
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