मल्हार मीडिया भोपाल।
मप्र कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी अदालत ने सजा सुनाई है। जीतू पटवारी को राजगढ़ में कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर तोड़फोड़ करने के मामले में विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट भोपाल ने सजा सुनाई। उन्हें 1 साल की सजा और 20 हजार जुर्माना।
यह वर्ष 2009 का मामला है इसमें कुल 17 अभियुक्त को भी 1 साल की सजा और10 हजार का जुर्माना शामिल है।
राजगढ़ में किसानों और आम नागरिकों की समस्या को लेकर साल 2009 में किए गए कलेक्ट्रेट के घेराव और कलेक्ट्रेट पर पथराव के मामले में अब राऊ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी सहित जिले के 17 कांग्रेसी नेताओं पर दर्ज प्रकरण में 4 कांग्रेसी नेताओं को विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश विधान महेश्वरी के न्यायालय ने एक एक साल की सजा और 20 हजार जुर्माना किया है।
2009 में शासकीय कार्य में बाधा, बलवे समेत अन्य धाराओं में राजगढ़ कोतवाली मे दर्ज हुए इस मामले मे शनिवार को फैसला सुनाया गया।
जिसमें जितेंद्र उर्फ जीतू पटवारी राऊ विधायक, सुरेंद्र मरमट उज्जैन, अब्दुल वहीद, शेखावत उर्फ शहजाद खान, अशोक, घनश्याम, चंदर सिंह सोंधिया वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष राजगढ़, नरेंद्र, बाबू, क्रिश कुमार उर्फ कृष्ण मोहन मालवीय पूर्व विधायक सारंगपुर, पंकज कुमार यादव तत्कालीन युकां जिला अध्यक्ष, दीप सिंह सोलंकी, भागचंद, आशीष, बबलू बाथम, लोकेश दुबे और सुल्तान सिंह के नाम थे। जिसमें जीतू पटवारी, विधायक राऊ, चंदर सिंह, सुरेंद्र मरमट उज्जैन जिला कार्यकारी अध्यक्ष, कृष्ण मोहन मालवीय पूर्व विधायक को एक एक साल की सजा और 20 हजार जुर्माना किया है।
1 सितंबर 2009 को युवक कांग्रेस द्वारा किसानों की समस्याओं सहित बिजली,पानी एवं जनहित के मुद्दों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट का घेराव किया था।
विरोध-प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भी सिर में चोट आई थीं। पुलिस एवं कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी की भी नौबत हुई थी।
इसी दौरान प्रदर्शन के समय कुछ लोगों द्वारा पथराव कर दिया गया था। पथराव में कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आने के साथ ही कलेक्ट्रेट गेट सहित अन्य हिस्सों में भी तोड़फोड़ हो गई थी।
इस मामले में पुलिस ने राऊ विधायक जीतू पटवारी, पूर्व विधायक कृष्ण मोहन मालवीय, कांग्रेस नेता चंदर सिंह सौंधिया, चंदर सिंह सहित करीब डेढ़ दर्जन लोगों के खिलाफ धारा 147, 148, 353, 336 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया था।
इस मामले को लेकर पंकज यादव तत्कालीन युकां जिलाध्यक्ष का कहना है कि उस समय किया गया आंदोलन जनहित मे किया गया था।
पुलिस प्रशासन ने आंदोलन रोकने के लिए राजनीतिक द्वेषता पूर्वक कार्रवाई की थी। माननीय न्यायालय ने जो भी फैसला दिया वो स्वीकार करते हुए ऊपरी अदालत मे अपनी बात रखेंगे।
भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री बद्रीलाल यादव ने कोर्ट के फैसले को सही बताते हुए कहा कि कोई भी आंदोलन क़ानून के दायरे मे रहकर करना चाहिए। पट्टा कांड के दौरान हमने भी आंदोलन किया था लेकिन क़ानून के दायरे मे रहकर किया था। क़ानून का उलंघन करेंगे तो सजा तो निश्चित है। कोर्ट ने सही फैसला दिया है।
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