मल्हार मीडिया भोपाल।
भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश के कई विभागों में हेराफेरी के मामले सामने आए हैं.
इस रिपोर्ट को कैग ने बीते साल 2023 के मार्च माह में पेश किया था. कैग रिपोर्ट में पर्यावरण संबंधी कार्यों, मध्य प्रदेश पीडब्ल्यूडी विभाग, ऊर्जा और उद्योग विभाग में हुए काम में अनियमितता की बात कही गई है.
कैग ने ये रिपोर्ट वित्तीय वर्ष 2021 के लिए जारी की है. इसके मुताबिक, कई कामों को करने में गलत फैसले लिए गए. कोयले के कम उत्पादन और रॉयल्टी वसूली में कमी की गई. इससे सरकार को 1400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इंजीनियरों ने सड़क की गुणवत्ता को लेकर पीडब्ल्यूडी में गलत रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया है कि सड़क निर्माण में शामिल ठेकेदारों को समय पर भुगतान करने के नियमों का पालन नहीं किया गया.
इसकी वजह से राजकोष पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ा. सड़कों का चयन में अनियमितता बरती गई. सड़क निर्माण के दौरान जरुरी स्पेसीफिकेशन और नियमावली का पालन नहीं किया और सड़क निर्माण की निगरानी तय मानदंडों के मुताबिक नहीं हुई और संबंधित जिम्मेदार लोगों ने कागजों में इसको गलत तरीके लोक निर्माण विभाग के सामने पेश किया.
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