मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। लिस्ट फाइनल हो गई है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री रामनिवास रावत के लिए कैबिनेट में कुर्सी फाइनल है।
मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता एवं संबद्धता घोटाले में संदेह की सुई के टारगेट पर चल रहे कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग का क्या होगा।
कमलेश शाह छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक थे। कमलनाथ के खास माने जाते थे परंतु लोकसभा चुनाव में नकुलनाथ के खिलाफ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे।
गौरतलब बात यह है कि कमलेश शाह ने भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी को ज्वाइन नहीं किया बल्कि कमलनाथ और नकुलनाथ से नाराज होकर ज्वाइन किया है। इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं।
10 जुलाई को वोटिंग है और 13 जुलाई को काउंटिंग होगी, यानी 13 जुलाई को पता चलेगा कि कमलेश शाह विधायक रहेंगे या नहीं लेकिन, मंत्रिमंडल का विस्तार इससे पहले होने वाला है और संभावित मंत्रियों की लिस्ट में कमलेश शाह का भी नाम है। एक दल बदलू नेता को चुनाव जीतने से पहले ही मंत्री बनाया जा रहा है।
मंच पर माला पहनना, टीवी चैनल वालों के हिसाब से पार्टी परिवर्तन हो सकता है परंतु मध्य प्रदेश की विधानसभा के नियम अनुसार विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है और वह कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं।
लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक रामनिवास रावत कई बार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिल चुके हैं। कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा में उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए पिटीशन फाइल कर दी है, लेकिन आज की तारीख में दस्तावेजी सत्य यही है कि रामनिवास रावत कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं, और इस जानकारी से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि रामनिवास रावत इतने बड़े सौदेबाज हैं, मंत्री पद मिलने से पहले विधायक पद से इस्तीफा देने को तैयार नहीं है।
पार्टी के सूत्रों के कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में पंडित गोपाल भार्गव का सम्मान वापस लौटा दिया जाएगा। अर्थात पंडित गोपाल भार्गव को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाएगा। दरअसल बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के ब्राह्मण समाज में इस विषय को लेकर असंतोष है। पंडित गोपाल भार्गव एक सम्मानित व्यक्ति हैं। पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता है और शायद यह उनका अंतिम कार्यकाल है।
कैबिनेट की एक कुर्सी महिला के लिए
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट में एक कुर्सी महिला के लिए निर्धारित की गई है। मंत्रिमंडल विस्तार में यह काम भी पूरा हो जाएगा। पार्टी नेतृत्व की ओर से संभावित महिला मंत्री का नाम तो क्या प्रस्तावित नाम की जानकारी भी नहीं दी गई है।
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए मुख्यमंत्री, राज्यपाल से मिले
सीएम डॉ. मोहन यादव ने रविवार शाम को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल मंगु भाई पटेल से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राज्यपाल को जानकारी दी। इसमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विधायक रामनिवास रावत मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, राजभवन में सुबह 9:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।
रामनिवास रावत श्योपुर से भोपाल रवाना
श्योपुर जिले के विजयपुर से 6 बार के विधायक रामनिवास रावत रविवार को गणेश कॉलेज में भागवत कथा में शामिल होने के बाद शाम करीब 6 बजे अपने समर्थकों के साथ भोपाल के लिए रवाना हो गए। वे सोमवार को मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। रामनिवास रावत ने मीडिया से इस बारे में कोई चर्चा नहीं की। लेकिन उनके समर्थक उनके मंत्री बनने और शपथ ग्रहण के लिए भोपाल जाने की बात कह रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग का क्या होगा
कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने विधानसभा में चाहे कुछ भी जवाब क्यों न दिया हो, सदन के भीतर भले ही पूरी सरकार उनके साथ खड़ी रही हो परंतु सच्चाई सब जानते हैं।
श्री सारंग कहते हैं कि घोटाला कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय हुआ था लेकिन कैलेंडर इस बात का गवाह है कि विश्वास सारंग ने न केवल इस घोटाले को जारी रखा बल्कि अपने अधिकारियों को इतनी आजादी दी, कि उन्होंने हाईकोर्ट को गुमराह और परेशान करने का प्रयास किया।
भाजपा के लोग तो विपक्ष में रहते हुए, कांग्रेस पार्टी के घोटाले का खुलासा करते थे, और यहां मंत्री बनने के बाद भी खुलासा नहीं किया। जांच नहीं करवाई, बल्कि डिपार्टमेंट में घोटाला होते रहने दिया, और जब उसका खुलासा हुआ तो मामले को दबाने की कोशिश की गई।
इतना सब होने के बाद भी विश्वास सारंग का मंत्री पद बरकरार रहेगा क्योंकि यही भाजपा की परंपरा है। इस मामले का जो भी फैसला होगा वह अगले मंत्रिमंडल विस्तार अथवा अगले विधानसभा चुनाव के समय दिखाई देगा।
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