मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की पूर्व शिवराज सरकार द्वारा तैयार किया गया भोपाल का मास्टर प्लान का ड्राफ्ट मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने रिजेक्ट कर दिया है।
अब भोपाल का मास्टर प्लान फिर से बनाया जाएगा, इस बार भोपाल के विधायक और सांसदों की मर्जी के मुताबिक भोपाल का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
गौरतलब है कि नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने शुक्रवार 23 फरवरी को मंत्रालय में भोपाल मास्टर प्लान के ड्राफ्ट के संबंध में बैठक बुलाई। इसमें पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, भोपाल महापौर मालती राय, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक भगवानदास सबनानी, आतिफ अकील, पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह, पूर्व निगम अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, बीजेपी जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी भी मौजूद थे। मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन आयुक्त टाउन एंड कंट्री प्लानिंग श्रीकांत भानोत और ज्वाइंट डायरेक्टर सुनीता सिंह ने दिया। प्रजेंटेशन के आधार पर जनप्रतिनिधियों ने आवश्यक सुझाव दिए।
भोपाल के नए मास्टर प्लान में क्या होगा
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भोपाल के तालाब विशेष रूप से बड़ा तालाब राजधानी की लाइफ लाइन माना जाता है और भोपाल आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है।
तालाब और भोपाल की पुरातत्वीय विरासत को संरक्षित करते हुए मास्टर प्लान में प्रावधान किए जाएंगे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि राजधानी भोपाल का पृथक से ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाएगा। इसमें सड़कों की पर्याप्त चौड़ाई, फ्लाई ओवर और मेट्रो सेवा के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
विधायक रामेश्वर शर्मा और बिल्डर यूनियन भोपाल मास्टर प्लान के खिलाफ थे
भोपाल मास्टर प्लान-2031 में आई आपत्तियों पर सुनवाई पिछले साल 9 अगस्त से 5 सितंबर तक हुई थी। आखिरी चरण में जमकर हंगामा हुआ था। हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा, कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी समेत किसानों ने कृषि भूमि को कैचमेंट एरिया में शामिल करने समेत कई बिंदुओं पर नाराजगी जताई थी।
बिल्डर की यूनियन क्रेडाई ने भी कई मुद्दों पर आपत्तियां ली थी। इससे पहले सरकार ने मास्टर प्लान का ड्राफ्ट 2 जून को जारी कर दिया था। ड्राफ्ट जारी होने के 30 दिन के अंदर कुल 3005 आपत्ति और सुझाव मिले थे। इनमें बड़ा तालाब किनारे बसाहट, बाघ एरिया समेत कई रहवासी इलाकों को लेकर आपत्तियां आई थीं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव केवीएस चौधरी कोलसानी ने दावे-आपत्तियों पर सुनवाई की थी।
भोपाल का आखिरी मास्टर प्लान 1995 में जारी किया गया था, जो 2005 में समाप्त हो गया था। इसके बाद से मास्टर प्लान का इंतजार किया जा रहा था।
हालांकि, बीच में तीन बार मास्टर प्लान को लेकर कवायदें होती रहीं। 2021 में तो इसे लेकर दावे-आपत्ति भी बुलाए गए थे। हालांकि, इसमें कई बड़े संशोधन किए जाने थे।
बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया, टाइगर मूवमेंट एरिया, सड़कों आदि को लेकर यह संशोधन थे। इसके चलते यह ड्राफ्ट जारी नहीं हो सका था। इस साल फिर से मास्टर प्लान को लेकर सारी कवायदें हुईं, लेकिन फिर से यह खारिज कर दिया गया।
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