निर्मला पाटिल 21 साल बाद फिर उतरीं और एथलेटिक्स में जीत लिए 8 नेशनल मेडल

खास खबर            Sep 12, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

भोपाल आईटीआई की कर्मचारी निर्मला पाटिल ने प. बंगाल में हुए मास्टर्स गेम्स में किया कमाल लिवर में इन्फेक्शन हुआ तो ऑपरेशन के बाद मैदान से दूर हो गईं

21 साल बाद फिर उतरीं और एथलेटिक्स में जीत लिए 8 नेशनल मेडल

भोपाल आईटीआई में सहायक ग्रेड 2 के पद पर पिछले 12 साल से पदस्थ कर्मचारी निर्मला पाटिल की उम्र 49 साल है। एथलीट निर्मला की यह कहानी जितनी मार्मिक है उतनी ही दिलचस्प भी। बतौर एथलीट यूनिवर्सिटी लेवल के गेम्स में कई मेडल जीत चुकी थीं तो स्पोर्ट्स कोटे में टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में उनकी नौकरी लग गई।

5 अप्रैल 1973 को बालाघाट जिले के छोटे से गांव खेड़ी में जन्मी निर्मला ने 9 नवंबर 1998 को जबलपुर स्थित कौशल संचालनालय में नौकरी ज्वॉइन की। इसके बाद वे सिर्फ दो साल ही खेल सकीं। फिर लिवर में इन्फेक्शन होने से नागपुर में भर्ती हुई, जहां उनका माइनर ऑपरेशन हुआ। इसके बाद उन्हें शारीरिक कमजोरी के कारण 21 साल तक मैदान से दूर रहना पड़ा।

5000 मीटर पैदल चाल में गोल्ड जीता - दो सिल्वर भी मिले

21 साल बाद मैदान में उतरते ही उन्होंने सिर्फ 2 साल में नेशनल लेवल पर मेडल की झड़ी लगा दी। 2021 में हरियाणा में हुए ऑल इंडिया सिविल सर्विसेस गेम्स में पहुंची यहां मेडल नहीं मिला, लेकिन इसके बाद मई 2022 मई में तिरुअनंतपुरम में हुए नेशनल मास्टर्स में एक गोल्ड और दो सिल्वर मेडल जीते। यहां उन्होंने 5000 मीटर पैदल चाल में पहले स्थान पर रहकर गोल्ड मेडल जीता। 400 मीटर बाधा दौड़ में एक सिल्वर मेडल जीता। पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में रविवार को खत्म हुई इंडिया मास्टर्स एथलीट्स मीट्स में उन्होंने 40 - 45, 5000 मीटर पैदल चाल में गोल्ड मेडल जीता। उनकी यह उपलब्धियां देखते हुए अजाक्स ने उन्हें महिला विंग का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। 10 किमी दौड़ में दूसरे स्थान पर रहीं। मिदनापुर में 10 किमी दौड़ और 1500 मीटर दौड़ में में वे दूसरे स्थान पर रही। इस चैंपियनशिप में श्रीलंका, बांग्लादेश एवं नेपाल के भी एथलीट्स शामिल हुए। अब जापान में होने वाली वाले अंतरराष्ट्रीय मास्टर गेम्स में वे देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।

 

 



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