मल्हार मीडिया ब्यूरो।
असम से कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने राष्ट्रगान 'जन-गण-मन' में बदलाव किए जाने की मांग की है। वो इसके लिए राज्यसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल भी लेकर आए हैं। इस बिल के मुताबिक राष्ट्रगान से 'सिंध शब्द हटाकर नार्थ-ईस्ट जोड़ा जाए। राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने कहा- 'नार्थ ईस्ट भारत का जरूरी हिस्सा है और ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये हमारे राष्ट्रगान का हिस्सा नहीं है। वहीं दूसरी तरफ 'सिंध' का जिक्र होता है जो कि अब भारत का हिस्सा नहीं है। वो पाकिस्तान में है, जो एक विरोधी देश है।'
प्राइवेट मेंबर बिल में कहा गया है कि हमेशा भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले पाकिस्तान के भूभाग (सिंध) के नाम को राष्ट्रगान से हटा देना चाहिए। इसके लिए बोरा ने अन्य दलों के सांसदों से भी बात की है और उनसे समर्थन करने की अपील भी की है। बोरा ने उम्मीद जताई कि अगले शुक्रवार को जब यह बिल सदन में आएगा तो इसपर चर्चा के जरिए कोई समाधान जरूर निकल सकता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई पर जारी किए लेटर में बोरा ने लिखा है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 24 जनवरी 1950 में कुछ शब्द और एक म्यूजिक सदन में पेश किया था, जिसे राष्ट्रगान कहा गया, लेकिन वक्त के साथ हालात और नक्शा दोनों बदल गए हैं। इसलिए अब राष्ट्रगान में संशोधन करने की आवश्यकता है। आपको बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर ने साल 1911 में 'जन-गण-मन' लिखा था। उस वक्त भारतीय क्षेत्र पश्चिम में बलूचिस्तान से लेकर पूर्व में सिलहट तक फैला था।
रिपुन बोरा असम की तरफ से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। फिलहाल वो असम प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष हैं। 21 मार्च 2016 में वो राज्यसभा के लिए चुने गए थे। हाल ही में पेश हुए आम बजट को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा था। आम बजट को असम के लिए झूठे वादों से भरा बताते हुए केंद्र से राज्य को दिए जाने वाले कोष में भारी कटौती का आरोप लगाया था।
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