मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश में चुनाव की घोषणा के साथ ही बीजेपी कांग्रेस में नाराज़ नेताओं के दलबदल का सिलसिला जारी है। एक और प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट लहार में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को हराने के लिए भाजपा प्रत्याशी अंबरीश शर्मा के समर्थन में ख़ुद मुख्यमंत्री मैदान में नज़र आ रहे हैं तो वहीं इस बीच टिकट कटने से नाराज भाजपा के पूर्व विधायक रसाल सिंह ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
पूर्व विधायक ने इस्तीफे में इस तरह व्यक्त की नाराजगी "मैने भाजपा संगठन के एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया है। सदैव संगठन के हित में कार्य किया लेकिन चूंकि संगठन ने पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले नेता को बढ़ावा देकर बिना किसी को सुने चुनावी रण में उतारकर पार्टी में लोकतंत्र की हत्या की गई है। ऐसे में मेरा उनके लिए प्रचार करना मेरे स्वाभिमान के साथ न्याय नहीं होगा।
पूर्व विधायक रसाल सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर इस्तीफे की कॉपी पोस्ट कर बीजेपी छोड़ने की सूचना सार्वजनिक की है। वहीं बीजेपी ज़िला अध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लहार में कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने व्हाट्सएप पर उनका इस्तीफ़ा देखा है। उनसे बात करेंगे कि उन्हें क्या नाराज़गी है। भाजपा जिला अध्यक्ष के मुताबिक रसाल सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं जिन्हें मनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। जो असंतोष मन में है, उसे दूर करने का प्रयास बीजेपी की ओर से किया जाएगा। ज़िलाध्यक्ष ने इस बात का भी जिक्र किया कि बीजेपी में जब भी कोई निर्णय होता है तो वह संगठन द्वारा लिया जाता है और उसे सभी को मान्य करना होता है।
रसाल सिंह पूर्व में रौन से विधानसभा से चार बार विधायक बन चुके थे। बीते दो विधानसभा चुनाव में लहार से डॉ. गोविंद सिंह के ख़िलाफ़ बीजेपी से मैदान में भी उतरे, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में इस बार बीजेपी ने अंबरीश शर्मा को टिकट दिया। टिकट फाइनल होने के बाद से ही पूर्व विधायक नाराज थे और लगातार लहार से दावेदारी ठोकते हुए पार्टी को चेतावनी भी दे चुके थे, लेकिन टिकट में बदलाव ना होने पर रविवार को सीएम के दौरे के समय उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि क्षेत्र में क़यास है कि पूर्व विधायक रसाल सिंह भाजपा छोड़ने के बाद जल्द ही बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर सकते हैं और लहार से चुनाव भी लड़ सकते हैं। हालांकि उनका एक बार फिर मैदान में आना बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों को इस चुनाव में नुकसान पहुंचाएगा।
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