कब क्या कहां बोलना है मप्र के ये दोनों नेता जानते हैं

खास खबर            Aug 05, 2023


कीर्ति राणा।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पीठ भर विश्वास भरा हाथ होने का ही नतीजा है कि अब कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश में घोषित तौर पर भी शक्ति केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहे हैं।पार्टी में बढ़ते उनके प्रभाव का ही नतीजा है कि उनके बयान शिवराज सिंह चौहान की अपरोक्ष रूप से मुसीबत बढ़ाने वाले भी होते जा रहे हैं।

सरकार पर लगे व्यापम कांड के धब्बे में जेल गए पूर्व मंत्री (स्व)लक्ष्मीकांत शर्मा को निर्दोष बताने संबंधी बयान से उन्होंने जहां अपरोक्ष रूप से शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है वहीं चुनावी साल में कांग्रेस को भी आक्रामक होने का अवसर मुहैया करा दिया है।

कार्यकर्ताओं में शक्ति संचार के लिए अमित शाह ने जिन नेताओं को विधानसभा सम्मेलनों की जिम्मेदारी सौंपी है उनमें विजयवर्गीय भी शामिल हैं।भाजपा कार्यकर्ताओं को उनसे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिग्विजय सिंह से यह सीखना चाहिए कि कब, कहां, क्या, बोलना खास हो सकता है और कार्यकर्ताओं को अच्छा भी लगता है।

बात दिग्विजय सिंह की करें तो जब अमित शाह मप्र की यात्रा पर आए तो कांग्रेस कार्यकर्ता मान कर चल रहे थे कि दिग्विजय सिंह शाह को लेकर कोई धधकता बयान जरूर देंगे लेकिन दिग्विजय सिंह ने अमित शाह के प्रति धन्यवाद ज्ञापित कर भाजपा के आम कार्यकर्ता के दिलो दिमाग पर मक्खन का लेप कर दिया कि नर्मदा यात्रा के दौरान जब वे गुजरात के क्षेत्रों से गुजर रहे थे तो प्रशासनिक अधिकारियों ने मुलाकात कर उन्हें अमित शाह का यह संदेश दिया था कि नर्मदा यात्रा के दौरान कोई तकलीफ ना आए इस संबंध में अमित शाह ने खास ध्यान रखने को कहा है।इस बयान के जरिये उन्होंने अपने धार्मिक और नर्मदा भक्त होने की याद कट्टर विरोधी दल को भी दिला दी।

मप्र की राजनीति में दिग्विजय-कैलाश की यारी भी किसी से कहां छुपी है।दिग्गी राजा की ही तरह विजयवर्गीय भी जानते है कि कब, कहां, ऐसा क्या बोलना है कि हजारों कार्यकर्ता उनके मुरीद हो जाएं। व्यापमं कांड से जुड़े नेताओं ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि दो साल पहले कोरोना का शिकार होने के कारण दिवंगत हुए पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को सिरोंज की सभा में दो दिन पहले विजयवर्गीय भरे मंच से इस तरह याद करेंगे।विदिशा के सिरोंज में पहुंचे विजयवर्गीय ने कार्यकर्ताओं के बीच कहा 'व्यापमं कांड के आरोपी रहे पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत निर्दोष थे फिर भी उन्हें जेल जाना पड़ा था।ये पीड़ा मेरे मन मे रहेगी।निर्दोष व्यक्ति को जेल जाना पड़ता है, ये हाथों की लकीरों में होता है। लक्ष्मीकांत शर्मा ने जो कुछ झेला उसकी पीड़ा मेरे मन में हमेशा रहेगी।लक्ष्मीकांत का जिक्र होता है तो मन भर आता है।एक निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगे।लक्ष्मीकांत सब कर सकते हैं इस तरह का भ्रष्टाचार नहीं कर सकते। जब वो जेल में थे तब में उनसे मंत्री रहते मिलने गया तो गले लगकर रोने लगे और बोले मैंने जो अपराध नहीं किया वो सजा भुगत रहा हूं।

मप्र की राजनीति में विजयवर्गीय के इस बयान से बवाल होना तय है कि क्या पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा व्यापमं कांड के झूठे आरोपी बनाये गए थे? इस बयान से उन्होंने एसआईटी प्रमुख रहे विपिन माहेश्वरी और उनकी जांच पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। व्यापमं कांड 2013 में सामने आया था।बड़े पैमाने पर मेडिकल प्रवेश फर्जीवाड़ा और सरकारी भर्ती फर्जीवाड़ा हुआ था। व्यापमं कांड की जांच करते हुए एसटीएफ ने तत्कालीन मंत्री शर्मा को आरोपी बनाया और उन्हें जेल जाना पड़ा था। दो साल पहले 60 वर्षीय शर्मा का भोपाल के चिरायु अस्पताल में कोरोना के इलाज के दौरान निधन हो गया था।

अपने बेबाक बयानों से पार्टी में सबसे अलग नेता के रूप में पहचान बना चुके विजयवर्गीय इससे पहले भाजपा संगठन द्वारा जयंत मलैया को नोटिस देने और उनके पुत्र सिद्धार्थ को पार्टी प्रत्याशी रहे राहुल सिंह के विरुद्ध कार्य करने पर निष्कासित कर दिया था।जीवन के 75 वर्ष पूर्ण होने पर दमोह में आयोजित मलैया के अभिनंदन समारोह में विजयवर्गीय ने मंच से ही मलैया से हाथ जोड़ कर माफी मांगते हुए प्रदेश इकाई द्वारा नोटिस दिए जाने की निंदा की थी।इस आयोजन में शिवराज सिंह भी शामिल थे।अब पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने नोटिस और निलंबन वाली कार्रवाई भुला कर पिता-पुत्र को पार्टी में ले लिया है तो दमोह के कार्यकर्ताओं में विजयवर्गीय की छवि और प्रभावी हो गई है। जाहिर है सिरोंज में उनके द्वारा स्व शर्मा को निर्दोष बताने का समर्थक कार्यकर्ताओं पर सकारात्मक असर ही होगा। व्यापमं कांड का जिक्र करते हुए उनके इस बयान की मार कहां होगी, अमित शाह का रिएक्शन क्या होगा ये पूर्वानुमान विजयवर्गीय को नहीं हो यह भी संभव नहीं।

 



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