उमरिया से सुरेंद्र त्रिपाठी।
मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के तीन अनाथ शावको पर पार्वो वायरस अटैक से उनकी जान खतरे में पड़ गई है। पार्क प्रबंधन उनके इलाज में जुटा हुआ है। मुकुंदपुर टाइगर सफारी सहित बांधवगढ़ के डाक्टरों ने बाघों पर नजर रखने के लिए यहीं डेरा डाल लिया है।
ए के अंसारी आई एफ एस ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कृत्रिम जंगल में रखकर पाले जा रहे तीन अनाथ बाघ शावक पार्वो नामक खतरनाक वाइरस के अटैक से बीमार हो गये हैं। पार्वो वाइरस मुख्य रूप से कुत्ता और बिल्ली में पाए जाने वाला वो खतरनाक वाइरस है जो कि जानवरों के रिस्पेंरेटरी सिस्टम और ब्लड को संक्रमित करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है और शरीर के अंदर के सभी केमिकल कम्बिनेशन में बदलाव आने लगता है।
बांधवगढ़ के इन तीनों नन्हे शावकों में भी एक—एक करके हुए वाइरस अटैक के बाद उनके मल से खून आने लगा है और शरीर का पिछला हिस्सा कमजोर होता जा रहा है हालाँकि प्रबंधन की सतर्कता और डाक्टरों के प्रयास से आस बनी है और तीनो शावको की बीमारी में कुछ सुधार नजर आया है इसके लिए पार्क प्रबन्धन ने मुकुंदपुर टाइगर सफारी से डाक्टर बुलाये है और पूरी डाक्टरों की टीम चौबीस घंटे पल पल पर नजर बनाये हुए है और कुछ जरूरी दवा दिल्ली से भी मंगाई है माना ये जा रहा है कि शावको में अटैक का डैंजर जोन अभी बरकरार है और कुछ घंटे बाद ही तस्वीर साफ हो पायेगी
गौरतलब है कि संजय गांघी नेशनल पार्क में जन्मे इन तीनो दुधमुंहे बाघ शावक की माँ बाघिन टी.1 की जनवरी 2017 में हुई मौत के बाद बांधवगढ़ प्रबंधन ने इन तीनों अनाथ शावको को न सिर्फ पालने का जिम्मा हाथ में लिया, बल्कि उन्हें कृतिम जंगल में रखकर पूर्ण बाघ बनाने का जोखिम भरी जिम्मेदारी लेकर एक साहसिक काम अपने हाथ में लिया था। लेकिन ठीक चार माह बाद आई यह आफत प्रबन्धन को सकते में ला दिया है। देखना होगा प्रबन्धन के प्रयास कितने सफल होते है।
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