आनलाईन कर्ज के बाद पारिवारिक सुसाईड मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार

मध्यप्रदेश            Aug 21, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मप्र की राजधानी भोपाल में पारिवारिक आत्महत्या के मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सुसाइड करने वाले इंश्योरेंस एजेंट भूपेंद्र विश्वकर्मा के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते से भोपाल में यस बैंक के एक खाते में 95,700 रुपए ट्रांसफर हुए थे।

इसी बेस पर पुलिस ने गिरफ्तारी की है। खाताधारक और यस बैंक के कर्मचारी समेत 5 लोगों को 1.80 लाख रुपए कमीशन मिला था। पुलिस अब उस आरोपी की तलाश कर रही है, जिसने कमीशन दिया था। एक टीम दिल्ली भी भेजी जा रही है।

पुलिस ने 38 दिन की मेहनत के बाद भोपाल में रहने वाले इन पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक कारोबारी और बैंककर्मी भी शामिल है। 23 दिन पहले इसी केस में राजस्थान के टोंक से खलील को पकड़ा गया था। खलील फेक बैंक अकाउंट जालसाजों को प्रोवाइड कराता था। उसने 40 हजार रुपए में जालसाजों को अपना खाता किराए पर दिया था।

भूपेंद्र पत्नी और दो बेटों के साथ भोपाल के रातीबड़ में रहते थे। वे मूल रूप से रीवा के अंबा के रहने वाले थे। उनके माता-पिता रीवा में ही रहते हैं। पेशे से किसान हैं।

ये आरोपी पकड़े गए

शारिक बेग (25) पुत्र मुश्ताक, अरवलिया, थाना ईंटखेड़ी

मोहम्मद उबेज खान (27) पुत्र शफीक खान, जुमेराती

अरशद बेग (29) पुत्र जहिर बेग, इस्लामपुरा तलैया

शाहजहां उर्फ शाजी खान (31) पुत्र नासिर खान, कमला पार्क

फरहान रहमान (30) पुत्र रिजवान रहमान, सब्जी मंडी के पास, न्यू अशोका गार्डन

इस तरह के मैसेज लोन ऐप कंपनी की ओर से भेजे जा रहे थे। कई एडिटेड अश्लील वीडियो और फोटो भी भूपेंद्र के मोबाइल की कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल लोगों को भेजे गए थे।

इस तरह के मैसेज लोन ऐप कंपनी की ओर से भेजे जा रहे थे। कई एडिटेड अश्लील वीडियो और फोटो भी भूपेंद्र के मोबाइल की कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल लोगों को भेजे गए थे।

साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि भूपेंद्र के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते से रुपए हमीदिया रोड स्थित यस बैंक की ब्रांच में अमायरा ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इस खाते में 95,700 रुपए ट्रांसफर किए गए। अमायरा ट्रेडर्स का प्रॉपराइटर शारिक है। शारिक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो चार और आरोपियों के नाम सामने आए थे।

तस्वीर अमायरा ट्रेडर्स के प्रॉपराइटर शारिक की है। अमायरा ट्रेडर्स के खाते में 95,700 रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इसी बेस पर पुलिस ने उसे और उसके चार साथियों को पकड़ा।

तस्वीर अमायरा ट्रेडर्स के प्रॉपराइटर शारिक की है। अमायरा ट्रेडर्स के खाते में 95,700 रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इसी बेस पर पुलिस ने उसे और उसके चार साथियों को पकड़ा।

शारिक से पुलिस पूछताछ में सामने आया कि शाजी उसका परिचित है। उसने बताया था कि टेलीग्राम पर एक ग्रुप से वह जुड़ा है। यहां कुछ लोग ऑनलाइन कारोबार में इंवेस्ट कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। इस ग्रुप से जुड़ने के लिए करंट अकाउंट होना जरूरी है। शारिक ने शाजी के कहने पर अपनी फर्म के नाम पर अकाउंट खोलने की सहमति दी।

 

शाजी का दोस्त उबेज है। उबेज ने ही यस बैंक के कर्मचारी फरहान से शाजी की पहचान कराई थी। फरहान ने अमायरा फर्म के नाम पर अकाउंट खोलने से पहले फील्ड इंवेस्टिगेशन (FI) फर्जी तरीके से की। जब इंवेस्टिगेशन की गई, तब शारिक की दुकान पर सिर्फ टेबल रखी थी। बाहर एक पोस्टर लगा था। जांच के दौरान शारिक वहां मौजूद भी नहीं था। इसके बाद भी बैंककर्मी फरहान ने करीब 10 हजार रुपए की रकम को लेकर पॉजिटिव FI कर दी। इससे यस बैंक में खाता खुल गया।

अरशद बेग आरोपी शारिक का रिश्तेदार है। दोनों दोस्त भी हैं। भूपेंद्र के अकाउंट से शारिक के करंट अकाउंट में आई रकम को अरशद ने निकाला था। अमायरा ट्रेडर्स की दुकान में लगाए बैनर और टेबल को उसी ने FI से पहले अरेंज किया था। इस फर्जीवाड़े में शाजी मीडिएटर था। वही टेलीग्राम ग्रुप पर आरोपियों के संपर्क में रहता था। उनके दिशा-निर्देशों को दूसरे आरोपियों तक पहुंचाता था।

नीलबड़ की शिव विहार कॉलोनी निवासी 38 वर्षीय भूपेंद्र विश्वकर्मा ने 12-13 जुलाई की रात अपने दो बच्चों ऋतुराज (8) और ऋषिराज (3) को कोल्डड्रिंक में जहर देने के बाद पत्नी रितु के साथ फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। भूपेंद्र टाटा एआईजी कंपनी में काम करते थे। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था। एक्सट्रा इनकम और एक्सट्रा काम के लिए भूपेंद्र ऑनलाइन जॉब भी कर रहे थे। इस बीच उन्होंने ऑनलाइन लोन ले लिया था। लोन ऐप कंपनी के एजेंट 17 लाख रुपए की रिकवरी के लिए उन्हें प्रताड़ित करने लगे थे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

'इसको बोलो कि लोन पे कर दे। नहीं तो आज इसको मैं नंगा करके सोशल मीडिया पर अपलोड कर दूंगा।’ ये वो मैसेज है, जिसकी वजह से एक परिवार खत्म हो गया। इसे ऑनलाइन ऐप कंपनी ने भूपेंद्र विश्वकर्मा को भेजा था। ऐसे ही मैसेज भेजकर ऐप कंपनी लगातार दबाव बना रही थी।

 



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