अगस्त बीता सूखा, सीएम शिवराज ने की प्रार्थना करने की अपील

मध्यप्रदेश            Sep 02, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश में अगस्त लगभग सूखा बीत गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बारिश के लिए प्रार्थना करने के लिए कहना पड़ा। भोपाल में 66 नई दीनदयाल रसोई के शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं रात भर परेशान रहा, क्योंकि पूरा अगस्त सूखा गया।

इस कारण बांध पूरे नहीं भरे। बिजली की डिमांड भी एकदम बढ़ गई है, क्योंकि फसलें अगर बचाना है तो पानी देना है। ऐसी डिमांड आज तक कभी नहीं आई।

मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़ते हुए कहा, 'हम भरसक कोशिश कर रहे हैं अपनी तरफ से कि चीजें ठीक रहें, लेकिन यह स्थिति संकट की है। 50 साल में ऐसा संकट सूखे का नहीं आया। अभी भादौ चल रहा है। मैं भी भगवान से प्रार्थना करूंगा, आप भी प्रार्थना करें कि बारिश एक बार जरूर हो जाए, ताकि हम फैसले बचा सकें और बाकी व्यवस्थाएं भी ठीक चलती रहें।'

मध्यप्रदेश में मानसून के लिहाज से सितंबर का महीना भी खास रहता है। जुलाई-अगस्त के बाद बचा कोटा सितंबर की बारिश पूरा कर देती है। पिछले 10 में से 5 साल बारिश ने सितंबर का कोटा पूरा किया है, लेकिन इस बार ऐसी उम्मीद नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अबकी बार सामान्य की 50% बारिश होने का ही अनुमान है। इसकी वजह स्ट्रॉन्ग सिस्टम का एक्टिव नहीं होना है।

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह के अनुसार 4 से 5 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिव हो रहा है। 6 से 7 सितंबर तक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो सकता है। इससे पूर्वी हिस्से में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। यह सिस्टम 18 से 19 सितंबर तक एक्टिव रह सकता है।

भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में तेज गर्मी का असर रहा। कुछ जगहों पर लोकल सिस्टम की वजह से हल्की बूंदाबांदी भी हुई। बाकी जिलों में गर्मी और उमस का असर देखने को मिला।

ग्वालियर में तापमान 37.4 डिग्री तक पहुंच गया। सीजन में पहली बार ग्वालियर में दिन का तापमान इतना अधिक रहा। दमोह, रीवा, सतना, सीधी, खजुराहो, टीकमगढ़ में पारा 36 डिग्री के पार रहा। उज्जैन, शिवपुरी, गुना, मंडला, जबलपुर में तापमान 35 डिग्री तक पहुंच गया। भोपाल, बैतूल, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर, सिवनी, उमरिया, मलाजखंड, धार, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, खरगोन, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, शाजापुर और श्योपुरकलां में तापमान 30 डिग्री या इससे अधिक रहा।

मध्यप्रदेश में 1 जून से 31 अगस्त तक औसत 26.06 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 31.16 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से 16% कम बारिश हुई है। पूर्वी हिस्से में औसत से 13% और पश्चिमी हिस्से में 20% बारिश कम हुई है। IMD भोपाल के अनुसार, प्रदेश में 24 जून को मानसून एंटर हुआ था।

इसके बाद कुछ दिन अच्छा बरसा, लेकिन जुलाई और अगस्त में सामान्य से कम बारिश हुई। यदि सितंबर में 158 मिमी यानी 6 इंच बारिश होने का कोटा पूरा भी हो जाता है तो भी कई जिलों में सामान्य से कम बारिश होगी।

प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश नरसिंहपुर में हुई है। यहां अब तक हुई बारिश का आंकड़ा 41 इंच से अधिक है।

सिवनी में 37.53 इंच, मंडला-जबलपुर में 35, डिंडोरी में 34 से ज्यादा बारिश हो चुकी है।

इंदौर, अनूपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, पन्ना, सागर, शहडोल, उमरिया, रायसेन और नर्मदापुरम में 28 इंच या इससे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

दमोह, कटनी, निवाड़ी, बैतूल, भिंड, हरदा, रतलाम, सीहोर और विदिशा में आंकड़ा 24 इंच से अधिक है।

खरगोन, मंदसौर, बड़वानी, ग्वालियर में सबसे कम कम बारिश हुई है। यहां आंकड़ा 20 इंच से कम है।

(1 जून से 1 अगस्त तक की बारिश)

मध्यप्रदेश में कैसे रहेंगे अगले 24 घंटे

प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में तेज गर्मी पड़ने का अनुमान है। भोपाल में तेज धूप रहेगी। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत प्रदेश के कई शहरों में भी गर्मी और उमस वाला मौसम रह सकता है।

MP के 5 बड़े शहरों में मौसम का हाल

भोपाल: धूप-छांव वाला मौसम रह सकता है। इससे गर्मी और उमस का असर बना रहेगा।

इंदौर: तेज धूप निकलेगी। कहीं भी तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है।

ग्वालियर: पिछले 3 दिन से तेज गर्मी पड़ रही है। आज भी ऐसा ही मौसम रह सकता है।

जबलपुर: मौसम बदला रहेगा। धूप-छांव निकलेगी।

उज्जैन: जिले और शहर में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। तेज बारिश का अनुमान नहीं है।

अब जानिए, 10 साल में सितंबर में कितना गिरा पानी...

भोपाल में साल 2013 से 2022 के बीच 10 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2019 में सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। इस साल सितंबर में 22 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी। पिछले साल भी 8 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। भोपाल में सितंबर की सामान्य बारिश करीब 7 इंच है।

इंदौर में 10 साल में वर्ष 2019 में 19 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। इसके बाद से ही लगातार कोटे से ज्यादा बारिश हो रही है। इंदौर की सामान्य बारिश करीब 7 इंच है।

जबलपुर में पिछले साल 10 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इससे पहले 2019 में 16 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। बाकी सालों में कोटे से कम बारिश हुई है। इस बार कोटा पूरा होने की उम्मीद है। जबलपुर में सामान्य बारिश का आंकड़ा 10.5 इंच है।

ग्वालियर में पिछले 10 साल में साल 2016 में सबसे कम बारिश हुई थी। इस साल सितंबर महीने में एक इंच पानी भी नहीं गिरा था। पिछले दो साल से बारिा का आंकड़ा 5 इंच से ज्यादा है। हालांकि, सामान्य बारिश का कोटा (5.8 इंच) पूरा नहीं हो पाया है।

 

 



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