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सरकार ने नहीं मानी हरदा हादसे की न्यायिक जांच की मांग, विपक्ष का वॉकआऊट

मध्यप्रदेश            Feb 08, 2024


 मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के विधानसभा के सत्र में आज 8 फरवरी को हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट छाया रहा। विपक्ष ने इस मामले की न्यायिक जांच करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की। पर सरकार ने जांच कराने की बात कही तो विपक्ष ने असहमति जताते हुए वॉक्आऊट कर दिया।

इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार  का बयान सामने आया है. इस मुद्दे पर सदन में करीब 1.30 मिनट चर्चा हुई। कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा कि मामले की अधिकारी जांच करेंगे तो वह अपने साथियों को बचाएंगे। मामले की न्यायिक जांच करानी चाहिए। उमंग सिंघार मामले में न्यायिक जांच की मांग पर अड़े हैं। उन्होंने वॉक ऑउट के बाद आरोपियों को बचाए जाने का आरोप लगाया है।

 नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर साधा निशाना साधते हुए कहा कि हमने लॉ ओपन कोर्ट या न्यायिक जांच की मांग की है। लेकिन, मुख्यमंत्री ने इस पर कोई बात नहीं की। हरदा मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सदन को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि प्रशासन की टीम ने बैरागढ़ के घरों में तलाशी अभियान शुरू किया है। इसके साथ ही प्रदेशभर में कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी जैसे ही कैबिनेट के अंदर मुझे लगी हमने कैबिनेट रोककर तात्कल एक टीम बनाई और राव उदय प्रताप के साथ दो जिम्मेदार अफसरों को भेजा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि 50 मिनट के अंदर हमने आपातकालीन बैठक बुलाई. गृहमंत्री को हमने NDRF और हेलीकॉप्टर के लिए जानकारी दी कि आतंकी घटना तो नहीं है. इसका ध्यान रखकर भारत सरकार को भी जानकारी दी।

ग्रीन कॉरिडोर, बर्न यूनीट बनाया. प्रदेश के दूरस्थ स्थलों में बर्न यूनिट और दुरुस्त करना है. 100 फायर ब्रिगेड, 50 एम्बुलेंस तात्कल तैनात किया गया। ब्लास्ट पर विरोध जताने के लिए हरदा विधायक परिसर में सुतली बन पहनकर पहुंचे।

 हालांकि, उन्हें सिक्योरिटी गार्डों ने रोका और बंम को बाहर रखा लिया. रामकिशोर दोगने ने हादसे की कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग की है। उन्होंने पटाखा फैक्ट्री के मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई है। उन्होंने जांच टीम में जांच टीम में विधायकों प्रशासनिक अधिकारी और पत्रकारों को शामिल करने की मांग की है।

हरदा विधायक आरके दोगने ने कहा सरकार को अपनी गलती मान के मृतकों को मुआवजा देना चाहिए। मृतकों के परिजन को 25-25 की लाख, परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए।

 विपक्ष ने सवाल पूछा कि विस्फोट अधिनियम और फायर सेफ्टी अधिनियम का पालन क्यों नहीं हुआ. विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम मोहन यादव से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मीडिया के सवाल पर कहा कि छिंदवाड़ा के विषय में बात करने आया था। छिंदवाड़ा बॉर्डर के बाहर कि बात मैं नहीं करता. वहां केवल विकास की बातें करने गया था।

हरदा में मौत के आंकड़ों पर बोले कोई भी चीज सही नहीं आ रही। यह सबसे बड़ा उदाहरण है जो व्यक्ति 3 साल जेल में रहा वह यहां काम करता रहा और प्रशासन देखता रहा। कमलनाथ ने कहा कि हरदा मामला बहुत बड़ी दुर्घटना है। लापरवाही है भ्रष्टाचार हुआ है।

हरदा हादसे पर उप नेताप्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि ऐसा लगा जैसे विश्व युद्ध के समय में दिखाई देता था। ठीक वैसा ही इस धमाके में देखने के लिए मिला।

दुख इस बात का है कि घटना में लोगों की परिजनों की मौत हुई लेकिन अंतिम संस्कार करने के लिए उनके पास शव ही नहीं हैं। घायलों ने बताया कि तनख्वाह लेने का दिन था और जिस वक्त हादसा हुआ काफी लोग मौजूद थे।

मौत के आंकड़े को दबाने की कोशिश की जा रही है. क्योंकि प्रधानमंत्री की घटना पर नजर है। हरदा हादसे पर फूल सिंह बरैया बोले- ऐसा हादसा हुआ की धरती हिल गई लोगों के शरीर के चीथड़े उड़ गए. जिम्मेदारी तय करनी चाहिए। उन्हें मामला दर्ज करके जेल भेज देना चाहिए।  सबसे पहले जिम्मेदार सरकार खुद ही है। पटाखा फैक्ट्री को लाइसेंस दिया गया. लेकिन, फैक्ट्री के अंदर बम बनने लगे थे। पटाखे के बारूद से इतना बड़ा विस्फोट नहीं हो सकता है, बम से हुआ है।

कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने सवाल उठाया कि जब कमिश्नर ने एक महीने का स्टे दिया था तो फिर अभी फैक्ट्री क्यों चल रही थी? कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटा देना यह काफी नहीं है. इसकी पूरी तरीके से जांच होनी चाहिए।

राजनीतिक संरक्षण हो या फिर स्थानीय स्तर पर संरक्षण होने की बात सामने आ रही है। बिना पुलिस के संरक्षण के बिना कोई भी अवैध काम नहीं हो सकता है। यही कुछ हाल पेटलावाद में हुआ था।

इस पर मंत्री उदय प्रताप ने कहा मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर कहा है जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।

सरकार ने मामले पर त्वरित कार्रवाई की है। विपक्ष को वॉक आउट करना ही था हमने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की सहमति दी।

कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने रामकिशोर दोगने के बंब की माला पहनकर पहुंचने अशोभनीय बताया है। सदन की मर्यादा के विपरीत विधायक का काम है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं को समझना चाहिए कि संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह का बर्ताव अशोभनीय है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस वैसे ही बम की माला पहनकर घूम रही है। कांग्रेस तमाशा न करे। मानवीय आधार पर सरकार की कार्रवाई में सहयोग करे। बम की माला पहनने का लोकतंत्र के जनप्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता।

जब सरकार की ओर से न्यायिक जांच कराने का आश्वासन नहीं मिला तो कांग्रेस विधायक हंगामा करते हुए सदन से बाहर आ गए। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन के बाहर कहा कि हरदा में जो हुआ है, वह चिंताजनक है।

मामले में अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही न्यायिक जांच करानी चाहिए। इस मामले की अधिकारी जांच करेंगे तो वह अपने साथियों को बचाएंगे ही। एसपी और कलेक्टर का सिर्फ तबादला काफी नहीं है बल्कि उन पर आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए।

वहीं उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे का कहना है कि यह अवैध पटाखा फैक्ट्री सत्ताधारी दल के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में चल रही थी। इसलिए जरूरी है कि इस पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराई जाए।

गौरतलब है कि हरदा फैक्ट्री विस्फोट मामले में पटाखा फैक्ट्री संचालक सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और संचालक का मकान भी सील किया जा चुका है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक समिति गठित की है, लेकिन न्यायिक जांच से इनकार कर रहे हैं।

 

 

 

 



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