मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार 5 जुलाई को भी हंगामा जारी रहा। लेकिन खास बात यह रही कि आज विपक्षी नेताओं ने नहीं, सरकार को अपने ही पार्टी भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री से आरोप झेलने पड़ गए।
प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मंत्री प्रभुराम चौधरी ने केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का आरोप लगाया। इसके बाद जैसे विपक्ष को तो मुद्दा ही मिल गया। कई कांग्रेसी विधायकों ने भी जल जीवन मिशन में घोटाला का आरोप लगा दिया। ऐसे में सरकार को जवाब देना मुश्किल हो गया और सदन में असहज स्थिति निर्मित हो गई।
दरअसल, रायसेन जिले की सांची विधानसभा से बीजेपी विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी ने कहा कि उनकी विधानसभा में कई जगहों पर नल लगे हुए हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं आता है। उन्होंने यह भी कहा कि सांची विधानसभा क्षेत्र के 49 गांवों में पानी की ऐसी दिक्कत है। चौधरी ने अपनी ही सरकार से मांग की कि जो काम पूरे बताए जा रहे हैं, उनकी जांच के लिए कमेटी बनाई जाए। साथ ही दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए।
कैलाश विजयवर्गीय ने दिया जवाब
विधायक की मांग पर जवाब देते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम आज ही निर्देश जारी करेंगे। कलेक्टर बैठक करें और नल जल से पानी मिलने की व्यवस्था कराएं। मंत्री ने विधायक को समाधान देते हुए कहा कि सांची विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख इंजीनियर को भेजकर जांच कराई जाएगी।
विपक्ष ने भी लगाए आरोप
मामला यहीं शांत नहीं हुआ। सत्ता पक्ष के विधायक द्वारा केंद्र सरकार की योजना में गड़बड़ी की बात सामने आने पर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में जल जीवन मिशन में घोटाला किया जा रहा है। इस मामले पर सरकार को कार्रवाई करना चाहिए।
विपक्ष ने किया वॉक आउट
इसके बाद सदन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नेता प्रतिपक्ष के बीच बहस की स्थिति निर्मित हो गई और सदन में काफी गहमा-गहमी हुई। जब अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने नेता प्रतिपक्ष को टोंका तो, विपक्षी सदस्य और उग्र हो गए और असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया।
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