मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बुरहानपुर जिले के केला उत्पादक किसानों को फसल क्षति पर राशि प्रदान की। जिले में इस वर्ष अप्रैल-मई और जून माह में हुई फसलों की क्षति के लिए प्रभावितों को यह राशि प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री ने निवास कार्यालय से 4261 किसान को 41 करोड़ 85 लाख रूपये की फसल क्षतिपूर्ति राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की। प्रभावित फसलों का रकबा 3690 हेक्टेयर था। इसमें से प्रभावित केला फसल का क्षेत्र 3470 हेक्टेयर एवं अन्य फसल का क्षेत्र 219 हेक्टेयर है। केला फसल उत्पादक 3960 किसान है और अन्य फसलों के उत्पादक किसान 301 है।
उल्लेखनीय है कि बुहरानपुर का केला विश्व के कई देशों को निर्यात किया जाता है। राज्य सरकार ने केला उत्पादक किसानों को फसल खराब होने के संकट से मुक्ति दिलवाकर आर्थिक राहत दी है।
"एक जिला - एक उत्पाद" में भी बुरहानपुर जिले में केला उत्पादन का चयन किया गया है। देश के प्रांतों के साथ ही अन्य देशों में भी बुरहानपुर का केला जाता है। यहाँ अनेक केला चिप्स इकाइयाँ और केला पकाने के लिए राईपनिंग चेंपर स्थापित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज ने किसानों को राहत राशि देने बुरहानपुर में हुए कार्यक्रम में वर्चुअली कहा कि किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने कई मापदंड बदले हैं। राजस्व पुस्तक परिपत्र में समय-समय पर ऐसे परिवर्तन किए गए हैं, जिससे किसानों को लाभ मिला है।अब किसानों को फसलों और मकानों की क्षति और मवेशियों की जान जाने पर अधिक राहत राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने फसल क्षति पर नई श्रेणी भी बनाई है। अब जिन किसानों को 25% से 33% फसल हानि होती है, उन्हें भी राहत राशि प्राप्त होगी। दूसरी श्रेणी 33 से 50% क्षति की है। इन्हें भी बढ़ी हुई दर से राहत राशि दी जा रही है। इसके अलावा 50% से अधिक क्षति को पूर्ण हानि मानते हुए राहत राशि देने का प्रावधान किया गया है। अनेक प्रांतों में 25 से 33% नुकसान की श्रेणी नहीं है। राज्य सरकार ने सभी श्रेणियों में राहत राशि को दोगुना किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि केले के फसल की क्षति प्रतिपूर्ति की दर दोगुनी कर दी गई है। इस महत्वूर्ण संशोधन के अनुसार अब किसान को केले की फसलों की 25 से 33 प्रतिशत क्षति होने पर राहत राशि 15 हजार से बढ़ा कर 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर दी जाएगी। इसी तरह 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर 27 हजार से बढ़ा कर 54 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि दी जाएगी। यदि 50 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है तो मिलने वाली राहत राशि एक लाख के स्थान पर 2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर होगी।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसानों को फसल क्षति पर अधिकतम राशि देने का प्रावधान भी परिवर्तित किया गया है। पूर्व में अधिकतम राशि 3 लाख रूपये तक दी जाती थी, जो अब अधिकतम 6 लाख रूपये तक दी जा सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उद्यानिकी फसलों के लिए भी बीमा व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिन-रात परिश्रम करने वाले किसानों को चिंतित होने की आवश्कता नहीं है। किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा हो, उससे उत्पन्न दर्द का अंदाज किसान ही लगा सकते हैं।
बुरहानपुर जिले में पहले भी फसलें नष्ट हुई थीं तो तत्कालीन सांसद स्व. नंदकुमार सिंह चौहान ने किसानों की समस्या रखी थी। राज्य सरकार ने संकट के समय किसानों को पर्याप्त सहायता देने का कार्य किया है। पूर्व में ऐसे संकट के समय किसानों को दी गई मदद इसलिए भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि अनेक किसानों का बीमा नहीं था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुरहानपुर, पूरे देश में हर घर में नल से जल के लिए जाना जाने लगा है। इसके पहले सबसे बड़े केला उत्पादक जिले के रूप में बुरहानपुर की पहचान रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में पूर्व सरकार ने किसानों को डिफाल्टर बना दिया था। वर्तमान राज्य सरकार ने लगभग 2200 करोड़ रूपये का भुगतान कर किसानों को राहत दी। गत 3 वर्ष में किसानों के लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक बीमा दावों की 20 हजार करोड़ की राशि का भुगतान किया गया। किसानों के खाते में करीब पौने 3 लाख करोड़ की राशि के हितलाभ अंतरित किए गए। इसी तरह 49 हजार करोड़ के कृषि ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर दिए गए। मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना की राशि डेढ़ गुना करते हुए वार्षिक 4 हजार के स्थान पर 6 हजार रूपये की गई। किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की वार्षिक 6 हजार की राशि भी प्राप्त होती है। इस तरह किसान को बारह माह में 12 हजार की राशि मिलेगी। अन्य योजनाओं से भी किसान का परिवार लाभान्वित होता है। इनमें लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना एवं उज्ज्वला योजना, शिक्षण शुल्क की सहायता, कक्षा 12वीं में 70 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर मेडिकल और इंजीनियरिंग महाविद्यालय में फीस और आवास योजनाएँ शामिल हैं।
हितग्राहियों ने कहा सरकार ऐसी ही होना चाहिए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा किसानों से शासकीय योजनाओं के संबंध में चर्चा भी की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रीमती सविता चौधरी, श्री दिगम्बर, श्री सुधाकर चौधरी और श्री रामकृष्ण कोरकू से चर्चा की। इन सभी किसानों को डेढ़ लाख से तीन लाख रूपये के मध्य राहत राशि प्राप्त हुई। श्री रामकृष्ण कोरकू ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि उन्होंने 5 एकड़ क्षेत्र में कृषि कार्य करते हुए ढ़ाई एकड़ क्षेत्र में केले लगाए। इनमें से डेढ़ एकड़ में फसलों की क्षति हो गई। राहत राशि के रूप में एक लाख 30 हजार की राहत राशि राज्य सरकार से मिली है। सरकार ऐसी ही होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बुरहानपुर जिले में वर्ष 2003 में सिंचाई क्षमता सिर्फ 1675 हेक्टेयर थी, जो अब बढ़ कर 23 हजार 158 हेक्टेयर हो गई है। उद्यानिकी फसलों का क्षेत्र लगभग तीन गुना बढ़ गया है, जो वर्तमान में 32 हजार हेक्टेयर से अधिक है। जिले में 50 हजार से अधिक किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गये हैं।
प्रारंभ में वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल पर प्रदेश में किए गए किसान-कल्याण कार्यों की जानकारी दी। श्री राजपूत ने कहा कि मंत्रि-परिषद ने किसानों को फसलों के नुकसान पर दी जाने वाली राशि को दोगुना किया है। राजस्व पुस्तक परिपत्र में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। समय-समय पर मुख्यमंत्री किसानों को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।
कार्यक्रम में पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री एवं बुरहानपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल के अलावा पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री द्रविंद्र मोरे, श्री हर्षवर्धन सिंह चौहान, महापौर श्रीमती माधुरी पटेल उपस्थित थीं।
मध्यप्रदेश में बुरहानपुर जिला केला उत्पादन में अग्रणी जिला है, जिसमें 18 हजार 840 किसानों द्वारा 23 हजार 639 हेक्टेयर में केला फसल की खेती की जाती है।
जिले में केले का कुल उत्पादन लगभग 16 लाख 54 हजार 730 मीट्रिक टन है।
जिले में मुख्य रूप से केला टिश्युकल्चर फसल की जी-9, बसराई, हर्षाली, श्रीमंथी, किस्मों का 30 प्रतिशत एवं 70 प्रतिशत सकर्स (बल्ब) द्वारा रोपण किया जाता है।
जिले में केला फसल की अनुमानित लागत - खेती की तैयारी, टिश्यु कल्चर पौधे, खाद, उर्वरक, कीटनाशक, ड्रिप इरीगेशन से सिंचाई, निदाई-गुड़ाई, अन्य मजदूरी, तुडाई आदि पर केला टिश्यु कल्चर की राशि 3 लाख 19 हजार 262 रूपये प्रति हेक्टेयर तथा केला सकर्स की राशि 2 लाख 80 हजार 844 रूपए प्रति हेक्टेयर कृषकों द्वारा व्यय की जाती है।
जिले में "एक जिला - एक उत्पाद" अंतर्गत केला फसल की प्र-संस्करण इकाइयाँ जैसे केला चिप्स की 28 यूनिट एवं केला पाउडर की एक यूनिट स्थापित करवाई गई है।
पूर्व में जिले से केला फसल के एक्सपोर्ट का कार्य नहीं किया जाता था, लेकिन अब मुख्यमंत्री की मंशानुसार केला फसल को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए जिले में उत्पादित केला फसल के एक्सपोर्ट के लिए एक्सपोर्टर एवं कृषकों के बीच बैठक करवाकर एक्सपोर्ट गुणवत्ता का केला उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में बुरहानपुर जिले से लगभग 25 से 30 हजार मीट्रिक टन तक केला प्रतिवर्ष ईराक, ईरान, दुबई, टर्की एवं अन्य देशों में निर्यात किया जा रहा है।
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