मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज गुरुवार 18 मई को मीडिया से बातचीत में कहा कि हेमा मीणा के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की है।
परियोजना इंजीनियर जर्नादन सिंह के मामले में भी गंभीर शिकायत मिली है। इनके निलंबन के आदेश अधिकरियों को दे रहा हूं।
30 हजार रुपए वेतन पाने वाली पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन की असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा की सेवा समाप्ति के बाद अब मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के परियोजना यंत्री जनार्दन सिंह निलम्बित। जनार्दन सिंह पर भी निलंबन की गाज गिरी है।
गृहमंत्री ने कहा कि जर्नादन के निलंबन के आदेश दे रहा हूं। इसके बाद एसीएस होम राजेश राजौरा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पर्यवेक्षण में लापरवाही के कदाचरण के क्रम में मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉपोरेशन के परियोजना इंजीनियर जर्नादन सिंह को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए।
आदेश में लिखा है कि हेमा मीणा लंबी अवधि से जर्नादन सिंह प्रभारी परियोजना इंजीनियर संभाग सागर के अधीन कार्य कर रही थी। इसलिए हेमा मीणा पर प्रभावी पर्यवेक्षण करना जर्नादन सिंह का कर्तव्य था।
इसके पर्यवेक्षण की असफलता के कारण मध्य प्रदेश पुलिस आवास एवं अद्योसंरचना विकास निगम की छवि धूमिल हुई है। इसलिए परियोजना इंजीनियर जर्नादन सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर भोपाल मुख्यालय में पदस्थ किया जाता है।
गृहमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हेमा मीणा के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की जानकारी देते हुए परियोजना इंजीनियर जर्नादन सिंह के निलंबन के आदेश जारी कर दिए।
गौरतलब है कि लोकायुक्त की कार्रवाई में हेमा मीणा के पास करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति मिली है। यह संपत्ति हेमा ने जर्नादन सिंह की मदद से बनाई।
जर्नादन ने ही हेमा के फार्महाउस का निर्माण कराया। वह ही लेनदेन का काम करता था। इन दोनों के भ्रष्टाचार की पहले भी शिकायत हुई थी।
बताया जा रहा है हेमा मीणा ने अपने नाम बहुत कम सब पिता के नाम पर संपत्तियां खरीदी हैं। लोकायुक्त पुलिस को अब तक की जांच में कई स्थानों पर ऐसे संकेत मिले हैं कि हेमा के नाम से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी की काली कमाई का निवेश है।
हेमा की कॉल डिटेल में दो जोन के आईजी रह चुके एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की लंबी बातचीत और पुलिस लिखी गाडिय़ां बंगले और फार्म हाउस में आने से लोकायुक्त पुलिस मान रही है कि किसी बड़े अधिकारी ने हेमा के नाम पर निवेश किया है। हालांकि लोकायुक्त पुलिस को कुछ साक्ष्य नहीं मिल रहे, जिससे वह आगे की जांच कर रहे।
लोकायुक्त के अधिकारियों ने बताया कि हेमा मीणा के खिलाफ जांच तेजी से की जा रही है। 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा होने के बाद यह जानकारी भी जुटाई जा रही है कि हेमा मीणा पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन की किन प्रोजेक्ट की प्रभारी रही हैं या रह चुकी है, इसकी जानकारी मांगी है, ताकि यह पता चले कि वहां कैया कार्य हुआ है।
सूत्रों की मानें तो 7 करोड़ की संपत्ति का खुलासा होने के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने भी हेमा की संपत्तियों की जानकारी जटाना शुरू कर दिया है।
लोकायुक्त एसपी मनु व्यास ने बताया कि बैंकों को पत्र भेजे गए हैं, लेकिन बैंक शाखा संबंधी जानकारी नहीं मिली है।
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