मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दावेदारों को संतुष्ट करते हुए कांग्रेस व भाजपा सावधानी से टिकट बांट रहे हैं। फिर भी बगावती तेवर से दोनों राजनीतिक दलों की नींद उड़ी है।
राजधानी की मध्य, उत्तर एवं दक्षिण पश्चिम सीट पिछली बार भाजपा के हाथ से फिसल गई थी।
इस बार भी इन सीटों पर टिकट वितरण को लेकर बगावती तेवर से कांग्रेस परेशान हैं। एक सीट पर इसी तरह के समीकरण भाजपा में भी बन रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व दक्षिण-पश्चिम की सीट के लिए टिकट आवंटन पर नजर रखे हुए हैं।
उत्तर विधानसभाकांग्रेस विधायक आरिफ अकील बीमार चल रहे हैं। ऐसे में वह इस बार अपने बेटे को टिकट दिलवाने के प्रयास में हैं, ये बात उनके भतीजे को पसंद नहीं है।
कई बार वह मंच से अपनी मंशा जाहिर भी कर चुके हैं। ऐसे में भाजपा अकील के घर की कलह को भुनाने की रणनीति पर काम कर रही है।
माना जा रहा है कि विवाद न सुलझने की स्थिति में कांग्रेस फिर से आरिफ अकील को ही रिपीट कर सकती है। यहां भाजपा ने पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मैदान में उतारा है।
दक्षिण पश्चिम विधानसभा
भाजपा के पूर्व विधायक उमाशंकर गुप्ता इस सीट से खुद चुनाव लडऩे का मन बना चुके हैं। लेकिन पार्टी ने अब तक टिकट घोषित नहीं किया है। गुप्ता की बेटी भी टिकट की दावेदार हैं। गुप्ता परिवार की कलह को देखते हुएयहां प्रदेशाध्यक्ष से लेकर कई अन्य नेताओं को टिकट मिलने की चर्चाएं हैं।
यहां अभी भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, कांग्रेस से विधायक पीसी शर्मा प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
हुजूर विधानसभा
कांग्रेस के पूर्व विधायक जितेंद्र डागा यहां से मजबूत दावेदारी पेश कर चुके हैं। हालांकि, पिछली बार के कांग्रेस प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी के समर्थक एवं सिंधी समुदाय के लोग इस पर राजी नहीं हैं। यहां समझाने और समझने का दौर चल रहा है। इसलिए यहां कांग्रेस का टिकट अटका हुआ है। जबकि, यहां से विधायक रामेश्वर शर्मा भाजपा के उम्मीदवार हैं।
बैरसिया विधानसभा
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समर्थक रामभाई मेहर यहां से कांग्रेस के टिकट केे दावेदार थे। लेकिन, पार्टी ने फिर से जयश्री हरिकरण पर ही भरोसा जताया है। मेहर इससे आहत हैं। उनके समर्थक क्षेत्र में उनके चुनाव में उतरने की बात कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय तक में प्रदर्शन हो चुका है। जयश्री के मुकाबले में भाजपा विधायक विष्णु खत्री मैदान में हैं।
गोविंदपुरा विधानसभा
परिवारवाद के विरोध की लहर के बीच भाजपा ने यहां से फिर विधायक कृष्णा गौर को ही रिपीट किया है। हालांकि, यहां से सिंधिया समर्थक पूर्व पार्षद एवं कांग्रेस से भाजपा में आए गिरीश शर्मा भी दावेदार थे। अब कृष्णा गौर ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। लेकिनअंदर ही अंदर विरोध चल रहा है। नाराज नेताओं को मनाने का दौर जारी है। कांग्रेस के प्रत्याशी का टिकट घोषित नहीं हुआ है।
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