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नर्सिंग घोटाले पर सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष आमने-सामने, पूर्व मंत्री को सदन में क्लीन चिट

मध्यप्रदेश            Jul 02, 2024


 मल्हार मीडिया भोपाल।

 मध्य प्रदेश विधानसभा में आज मंगलवार 2 जुलाई कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग पर ताबड़तोड़  होते रहे। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने कई बड़े खुलासे किए।

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा में सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौर चलते रहे।

आखिर में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने, पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री को लगभग क्लीन चिट देते हुए कहा कि वे खरे हैं।

 उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटाने कहा कि मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल में लंबे समय से रजिस्ट्रार की नियुक्ति अधिनियम के विरुद्ध की जा रही है। उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे कहा प्रदेश के 80 प्रतिशत नर्सिंग कॉलेजों में कमियां हैं।

 कांग्रेस की ओर से हेमंत कटारे, जयवर्धन सिंह, उमंग सिंघार सहित अन्य विधायक नर्सिंग घोटाले के मुद्दे को उठा रहे हैं। विपक्षी विधायकों के सवाल पर सरकार ने कहा कि मामला सामने आने के बाद दोषियों पर लगातार एक्शन लिया जा रहा है।

 नर्सिंग घोटाले पर सरकार ने क्या कहा?

इसके बाद लंच ब्रेक के लिए एक घंटे तक कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।  उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे द्वारा उठाए जा रहे सवालों के जवाब में लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि दो नर्सिंग रजिस्ट्रार को बर्खास्त किया गया है। निरीक्षण करने वालों पर भी कार्रवाई की गई है।

 विधायक कटारे का कहना था कि विश्वास सारंग के मंत्री रहने के दौरान एक वर्ष में 219 कॉलेज खोले गए। कोविड काल में यह सारा खेल हुआ।

 कांग्रेस विधायक कटारे ने पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री का स्टंट वाला पर्चा दिखाया तो मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पाइंट ऑफ आर्डर का मामला उठाया।

 कांग्रेस ने उठाए ये सवाल

विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने नर्सिंग घोटाले से संबंधित मामला उठाते हुए कहा कि एक ही टीचिंग फैकल्टी के नाम से कई माइग्रेशन नंबर काउंसिल के द्वारा ऑनलाइन एप्रूव किए गए।

 कॉलेज में एक ही सत्र में कार्यरत हजारों की संख्या में अन्य राज्यों की हजारों टीचिंग फैकल्टी को बगैर सत्यापन स्वीकृत जारी की गई। एमपी में नर्सिंग संस्थानों को नियम विरुद्ध मान्यता दी जा रही है।

 रिकार्ड के अनुसार सत्र 2019-20 से अब तक बड़ी संख्या में कागजी नर्सिंग संस्थाओं को मान्यता प्रदान की गई। 80 फीसदी कॉलेजों में सैकड़ों कमियां हैं। नर्सिंग संस्थानों के पास स्वयं के भवन, लैब, लाइब्रेरी, टीचिंग स्टाफ और अस्पताल तक नहीं है।

 कागजों पर अस्पतालों के लाइसेंस जारी किए गए हैं। जिन संस्थाओं के पास अस्पताल है तो उनके पास मानकों के अनुसार बेड की संख्या नहीं है।

 ध्यानाकर्षण के मुख्य बिंदु

कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने आरोप लगाते हुए कहा कि नर्सिंग काउंसिल में लंबे समय से रेगुलर स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। आउटसोर्स कर्मियों के सहारे संचालन किया जा रहा है। यह जानबूझकर किया जा रहा है ताकि घोटाले किए जा सकें।

  • 80% कॉलेज में सैकड़ों कमियां हैं। नर्सिंग संस्थाओं के पास स्वयं के भवन, लैब, लाइब्रेरी, टीचिंग स्टाफ और अस्पताल नहीं है।
  • विश्वास सारंग के मंत्री रहने के दौरान 1 वर्ष में 219 कॉलेज खोले गए। कोविड काल में यह सारा खेल हुआ। 
  • योगेश शर्मा की नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं किया गया है। डॉ. योगेश शर्मा को प्रतिनियुक्ति के दौरान भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में पदस्थ करने संबंधित पत्र तत्कालीन विभागीय मंत्री विश्वास सारंग ने लिखा था। 
  • मंत्री विश्वास सारंग जांच प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में क्या उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया जाएगा?
  • रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई हो। एसीएस जो पहले थे, अभी भी हैं, उनको हटाया जाए। 
  • इस मामले में जिम्मेदार महेंद्र गुप्ता की संपत्ति की जांच होनी चाहिए ।

 

विधाय जयर्द्धन सिंह ने आरोप लगाया कि सीबीआई का जांच अधिकारी भी भ्रष्ट निकला। 15 दिसंबर 2022 को ऐसे कॉलेजों को मान्यता देने का पत्र जारी किया गया, जो अमान्य घोषित थे। भोपाल के मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग को मंत्री के पत्र के सात दिन बाद 22 दिसंबर 2022 को मान्यता दे दी जाती है। इसका मालिक जेल में है। इसके बाद दो और बैठकों में 17 और 21 कॉलेजों को मान्यता दी गई। ये भी अमान्य थे। ऐसे में शिक्षा मंत्री से आग्रह है कि वह इसकी जानकारी अपने वक्तव्य में जरूर दें कि पूर्व मंत्री पर क्या कार्रवाई की जाएगी?

 

 



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