मजदूरों की मजदूरों के लिए किए आंदोलन में हुई थी पिटाई

मध्यप्रदेश            Jun 04, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, हम लोग मूलतः खेती और बाड़ी के काम में पहले से लगे रहे। जो मुरली बजाते थे, वे हुए मुरलीधर भगवान कृष्ण कन्हैया, लेकिन जो हल को धारण करते थे, वे हलधर हुए धरणीधर, जो हमारे आराध्य हैं। किरार - धाकड़ समाज का हल और बंदूक से करीब का नाता है। खेती से लेकर खेलों तक, शिक्षा से लेकर उद्योग तक, हर क्षेत्र में आज अपने बच्चे सफलता का परचम लहरा रहे हैं। हम लोग अन्न के भंडार भरते हैं, जब जरूरत पड़ती है, तो भारत माता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

मुख्यमंत्री रविवार को भोपाल के दशहरा मैदान में अखिल भारतीय किरार, धाकड़, नागर, मालव सम्मेलन में शामिल हुए। युवक-युवतियों का यह परिचय सम्मेलन अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा और अखिल भारतीय धाकड़ महासभा के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। समाज के होनहार युवाओं को सम्मानित भी किया गया।

मुख्यमंत्री ने बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, जब मैं कक्षा 7 में पढ़ता था, तब मैंने पहला आंदोलन किया था। ये आंदोलन मजदूरों के लिए था। मजदूरी ढाई पाई नहीं, पांच पाई देने के लिए था। उस आंदोलन में मेरी जो पिटाई हुई थी, वह आज तक याद है। समाज को शिक्षा पर जोर देना चाहिए। खेती के साथ व्यवसाय पर भी ध्यान देना चाहिए। हमारे बच्चे स्टार्टअप का काम भी शुरू कर सकते हैं। हम गरीब नहीं रहेंगे, हम रोएंगे नहीं। किरार - धाकड़ समाज में कोई अशिक्षित नहीं रहेगा, हम सब को पढ़ाएंगे।

कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी पत्नी किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना सिंह ने कन्या पूजन किया।

अपनी स्पीच की शुरुआत करते हुए साधना सिंह ने मुख्यमंत्री के स्वागत में कहा, भांजियों के मामा, बहनों के भाई, कार्तिक-कुणाल के पिताजी ... इनके लिए जितना कहूं, उतना कम है। हमारी शादी हमारे परिवार ने तय की थी, लेकिन आज बेटा-बेटी एक-दूसरे को जानना चाहते हैं, समझना चाहते हैं और फिर अपने विवेक से अपने जीवनसाथी का चयन करना चाहते हैं। आज के समय में मनचाहे जीवनसाथी की परिभाषा बदल गई है।

बेटा - बेटी दोनों नाम कमा रहे हैं। बेटा - बेटी चाहते हैं जो जीवन साथी मिले, उनकी भावनाओं को समझे, उनके करियर का ध्यान रखे। उन्होंने कहा, मैं महाराष्ट्र की बेटी हूं, मध्यप्रदेश की बहू बनी, राजस्थान में मुझे अध्यक्ष पद से नवाजा गया। मैंने समाज हित में काम किए। भोपाल में हमारे समाज का छात्रावास 3 फ्लोर तक बन गया है। शादी हॉल का काम भी चल रहा है।

मंच पर किरार समाज की अध्यक्ष साधना सिंह ने पति CM शिवराज सिंह चौहान का माला पहनाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने पहले स्वागत कराने के बजाय कहा, समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, जो मुझसे उम्र में बड़े हैं, पहले उनका सम्मान करूंगा।

मंच पर किरार समाज की अध्यक्ष साधना सिंह ने पति CM शिवराज सिंह चौहान का माला पहनाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने पहले स्वागत कराने के बजाय कहा, समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, जो मुझसे उम्र में बड़े हैं, पहले उनका सम्मान करूंगा।

अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं कार्यालय मंत्री ब्रजेश चौहान ने बताया कि इस कार्यक्रम में मप्र, राजस्थान सहित देश भर से किरार, धाकड़, मालव समाज के लोग शामिल हुए। समाज के वर्तमान विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्री, सांसद सहित विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में उच्च पदों पर पहुंचने वाले समाज के भाई-बहनों को सम्मानित किया गया।

पिछले महीने राजस्थान के टोंक जिले के मांडकला में धरणीधर भगवान की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पत्नी साधना सिंह चौहान के साथ शामिल हुए थे। CM शिवराज ने कहा था कि धाकड़ वंश के आराध्य देव भगवान धरणीधर का अस्त्र और शस्त्र हलधर रहा है। उनके एक हाथ में हल और दूसरे हाथ में शस्त्र है। जब जरूरत पड़ती है हम अन्य के भंडार भरने का काम करते हैं। जब देश को जरूरत पड़ी तो सीमाओं पर जाकर देश की रक्षा करने में भी हम कभी पीछे नहीं हटते। देश-भक्ति ही सदैव से हमारा भाव है।

इससे पहले मुख्यमंत्री भोपाल की अरेरा कॉलोनी, वसंत कुंज में आयोजित कलचुरी समाज के महासम्मेलन में भी शामिल हुए। सामुदायिक भवन का भूमिपूजन किया। समाज के लोगों ने समाज के विधायकों को मंत्रिमंडल और निगम मंडल में जनप्रतिनिधियों को स्थान देने की मांग की। विधानसभा चुनाव में 19 से 20 टिकट समाज के प्रतिनिधियों को देने की मांग रखी। महेश्वर को कलचुरी धाम घोषित करने की मांग की। CM ने कहा, मेरे निर्माण में कलचुरि समाज का बड़ा योगदान है। समाज से राष्ट्र बनता है। अलग - अलग समाज की प्रगति होगी, तो राष्ट्र की प्रगति होगी। समाज के उत्थान के लिए

सरकार पूरा सहयोग करेगी। बोर्ड के गठन का स्वरूप कैसा होगा, ये डिस्कस करने की जरूरत है। बोर्ड का प्रस्ताव हम तय कर सकते हैं।

 



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