बांदा उत्तरप्रदेश से आशीष सागर।
बुन्देलखण्ड की नदियों में योगी सरकार का योग
पत्रिका की खबर #माफियाविधायक शेयर करने और सोशल मीडिया में डालने के चलते पांच पर आई.टी एक्ट मुक़दमा दर्ज
खामोश !! इन्हे सच सुनना,लिखना और पढ़ना गंवारा नहीं है....ये बाँदा की सत्ता का रसूख है...ये पुलिस महकमा है !! यह संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मान है और यह लोकतंत्र है ?
@ 21 जून बाँदा- आजमगढ़ से प्रकाशित पत्रिका ' पत्रकार न्यूज़ ' में अम्बरीश राय का लिखा एक लेख ' माफिया विधायक ' जो बाँदा की अवैध बालू कालाबजारी से सम्बंधित था को शेयर करने,कमेन्ट करने और पढने के अपराध में स्थानीय प्रसाशन ने सदर विधायक के समर्थक की शिकायत पर आई.टी एक्ट के तहत पांच पर मुकदमा दर्ज किया है ! बुन्देलखण्ड में इस लाल सोने के पेशे को अगर अफीम कहा जाये तो अतिशयोक्ति नहीं है...हर सरकार में इसका दबदबा माननीय लोगो तक कायम रहता है...बाबूसिंह कुशवाहा से लेकर नसीम,गायत्री तक इसकी लम्बी कहानी है जो मीडिया में तैरती रही है...सरकार बदली तो योगी जी ने ई - टेंडर से बाँदा में 6 खदानों में पट्टे किये ! अधिकतर कंपनी बाहरी है जिनमे दो गोरखपुर,एक उत्तराखंड,दो एमपी बाकि स्थानीय बालू व्यापारी को काम मिला....खाद्नें चालू होते ही उनमे हर सरकार की तर्ज पर पोकलैंड .जेसीबी दौड़ने लगी वो भी बीच नदी की धार में पुल बनाकर...इसकी गवाह स्थानीय उजाला और जागरण की खबरे है जो आज भी सुरक्षित है !
...पट्टे धारक ने नदी का गला दबाया और कानून को धता बतलाकर सुप्रीम कोर्ट,एनजीटी,उच्च न्यायालय की धज्जियाँ उड़ानी शुरू की....सूत्रों ने मीडिया में शिकायत की तो सत्ता पक्ष के नेता,विधायक का नाम सामने आया जिसको मीडिया ने लिखा भी...उक्त पत्रिका का लेख सोशल मीडिया में उछला और शेयर किया गया.....बाँदा के पांच व्यक्ति पर पुलिस ने मुकदमा कायम किया है विधायक समर्थक की तहरीर पर.....गौरतलब है जिस देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हत्या हो जाती है लोकतंत्र पहले मर जाता है ! इस केंद्र,राज्य की सरकार में यही किया जा रहा है...कभी किसान आन्दोलन,दलित आन्दोलन के नाम पर इन्टरनेट सेवा उन स्थानों में बंद की गई तो सोशल मीडिया को बैन किया गया जबकि इनके समर्थक दिन रात लाखों लोगो को अनर्गल गाली और अभद्र बातें लिखते है..असली - नकली आईडी से !...उन्हें देशद्रोही तक करार दिया गया है !
तस्वीर - सभी सम्बंधित विज्ञापन और खबरें
आज स्थानीय एक दैनिक समाचार पत्र ने अपनी हिन्दुस्तानी निभाते हुए सम्बंधित विधायक का प्रथम पेज में विज्ञापन #योगदिवस पर लगाया, दूसरे पेज में पूर्व सपा सिंडिकेट नेता अब बीजेपी रामकरण सिंह बच्चन,पूर्व सपा एमएलसी अब बीजेपी नेता युवराज सिंह ( सीरज्ध्वज सिंह के भाई और वर्तमान,पिछली सरकार में बालू चलवाने वाले सबसे बड़े घराने ) को एड में छापा इसके बाद दर्ज मुकदमों की एकतरफा खबर लिखी गई...जबकि उजाला,जागरण ने संतुलित बात बयान के साथ लिखी है....सदर विधायक का दो पूर्व विधायक पर शक है कि उन्होंने अपने चहेते से पत्रिका में स्टोरी करवाई है जबकि ये महज खयाली फलसफा है....इसके बदले सत्ता पक्ष माननीय ने एक पेपर में खबर प्रकाशित करवा दी दो विधयाकों और अमुख आदमी को अपशब्द कहते हुए....उसको बयायदा उनके समर्थक,कुछ स्थानीय पत्रकार व्हाट्सअप और फेसबुक में शेयर किये लेकिन उन्हें पत्रिका का लिखा बहुत अखरा जिसको शेयर न कर सके...अगर पत्रिका गलत है तो आप केस करे सम्बंधित पर इसके पूर्व भी माननीय को बड़ी पत्रिका में लिखा गया था पिछले साल तब केस करना था !....
यहां वो लिंक है.आज सभी खबरें डालकर विज्ञापन सहित बस इतना कहना चाहता हूँ अगर स्थानीय प्रसाशन सही है,मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार है तो क्यों आज भी नदी घाट में मशीन चलती है...उनके पहुँचते ही गायब होती है ? क्या ये न्यायालय के आदेश के मुताबिक है ?
स्थानीय लगभग हर इलेक्ट्रानिक और प्रिंट पत्रकार चार पहिया गाड़ी मेंटेन किये है सेलरी के बाद कितना बचता है परिवार खर्च निकालकर ? क्यों आला अफसरान के बंगलो और दफ्तर में सेवा देते है आप ? बुन्देलखण्ड को लूटने में जितना माफिया और सरकार ज़िम्मेदार है उससे कहीं अधिक मीडिया का किरदार भ्रामक है तभी आज न्यायालय के आदेश बौने और मारे जा रहे है.....लिखना आप रोक नहीं पाएंगे क्योकि सत्यमेव जयते ही सत्य है !
फेसबुक वॉल से
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