मल्हार मीडिया डेस्क।
विकिलीक्स के को-फाउंडर जूलियन असांजे को 50 हफ्तों के लिए जेल की सजा सुनाई गई है। उन पर जमानत नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।
इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। पिछले महीने 11 अप्रैल को 47 वर्षीय असांजे को ब्रिटेन के इक्वाडोरियन दूतावास से गिरफ्तार किया गया था।
यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर स्वीडन के प्रत्यर्पण से बचने के लिए जूलियन असांजे ने 2012 में लंदन दूतावास में शरण ली थी, जिसका उन्होंने खंडन किया है।
कोर्ट को लिखे एक पत्र में असांजे ने कहा कि उन्होंने खुद को कठिन परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए पाया है।असांजे ने उन लोगों से माफी मांगी है जो मानते हैं कि असांज ने उनका अपमान किया है।
जूलियन असांजे पर स्वीडन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। इस मामले में लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 29 जून, 2012 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने को कहा था, लेकिन असांजे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इक्वाडोरियन दूतावास में शरण ले ली थी। इस मामले में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने उन्हें जमानत की शर्तें तोड़ने का दोषी ठहराया है।
असांजे ने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताया, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलें नहीं मानीं।
47 साल के जूलियन असांजे ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड शहर के रहने वाले हैं. जूलियन असांजे कंप्यूटर कोडिंग, प्रोग्रामिंग और हैकिंग के महारथी बताए जाते हैं। साल 2016 में असांजे ने 'विकीलीक्स' नामक एक वेबसाइट बनाई, जिसके जरिए उन्होंने इराक युद्ध से जुड़े करीब चार लाख से ज्यादा दस्तावेज जारी किए थे, जिसमें अमेरिका, इंग्लैंड और नाटो की सेनाओं के गंभीर युद्ध अपराध करने के प्रमाण मौजूद थे।
इसके बाद असांजे दुनिया भर में मशहूर हो गए। विकिलीक्स पर उनके किए कार्यों के लिए 2008 में उन्हें द इकॉनोमिस्ट फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन अवॉर्ड और 2010 में सेम एडम्स अवॉर्ड प्रदान किया गया। असांजे पर साल 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप का भी आरोप है। असांजे के खिलाफ रूसी हैकर्स की मदद से क्लिंटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों से दस्तावेज चोरी करने का भी आरोप है।
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