मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मीडिया की पाबंदी के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले की खबर लिखने या दिखाने पर रोक सही नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाने के पटना हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर बिहार सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मीडिया के लिए बने गाइडलाइन का पालन होना चाहिए और रिपोर्टिंग पर पूरी रोक सही नहीं लगती है। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों से बात करने के लिए वकील नियुक्त करने के हाई कोर्ट के आदेश पर भी रोक लगा दी।
गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट ने 23 अगस्त को मुजफ्फरपुर रेप कांड मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाई थी।
हाई कोर्ट ने कहा था कि मीडिया रिपोर्टिंग से जांच प्रभावित हो रही है। खासकर हाई कोर्ट ने इस मामले से जुड़े किसी भी शख्स का चेहरा ना दिखाने, बयान या इस मामले से जुड़ी किसी भी खबर को लिखने या दिखाने पर रोक लगा दी थी।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मीडिया के हित में निर्णय दिया है।
दरअसल, वकील फौजिया शकील के माध्यम से एक पत्रकार द्वारा दायर याचिका में हाई कोर्ट के 23 अगस्त के आदेश के अमल पर रोक लगाने की मांग की गई।
याचिका में इस आदेश को पूरी तरह गलत बताते हुए कहा गया कि यह इस मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने जैसा है।
याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट द्वारा इस तरह से नागरिकों को जानकारी प्राप्त करने और प्रेस की आजादी के मौलिक अधिकारों को नजरअंदाज करना न्यायोचित नहीं है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में कथित रूप से अनेकों युवतियों के साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न किया गया, जिसकी सीबीआई जांच कर रही है।
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