आशीष सागर।
यूपी टीवी के नाम से शुरू हुए चैनल का पंच लाइन ' सत्य मेव जयते ' रुपया लगा 200 करोड़ से ऊपर। जो शो किया गया है वो कम ही है,एक चैनल की दुकान सजाने में कितना लगता है ये बतलाने की आवश्यकता नही है। चुनाव आचार संहिता के चलते फ़िलहाल ये डेन नेटवर्क में रुका है,चुनाव बाद प्रारंभ होगा। तब तक नेशनल वाईस में ब्रजेश दिख रहे है!
ईटीवी स्टेट संपादक ब्रजेश मिश्रा इसको छोड़कर नया यूपी टीवी ले आये है। 60 हजार रुपया Monthly पाने वाले पत्रकार के पास इतनी बड़ी रकम न्यूज़ चैनल के लिए कहाँ से आई चुनाव के पहले इसको निर्वाचन आयोग,ब्राड कास्टिंग ने संज्ञान लिया क्या ? आज स्थानीय दैनिक समाचार पत्र संवादाता से सुना है बाँदा #अच्छेदिन ,जालौन,हमीरपुर (रमेश मिश्रा एमएलसी पुत्र कुंअर बहादुर मिश्रा पूर्व विधायक,मौदहा क्षेत्र ) झाँसी (दीपनारायण यादव कम्पनी #कामबोलताहै) और यूपी के बड़े खनन माफिया का काला धन इसमें खपा है!
बाँदा में भी सीयूजी (चमड़ी उधेड़ गैंग ) के नाम से पन्द्रह-सोलह इलेक्ट्रानिक खबरिये सक्रीय है। इनके पास सब्जीमंडी की तरह आईडी है ! जिन्हें बालू उगाही,झोलाछाप डाक्टर,एमआर वसूली से लेकर हाइवे हफ्ता,सरकारी विभागों की ठेकेदारी तक देखा जा सकता है. महोबा में तो एक पत्रकार का मामला हाल में उजागर हुआ जो कथित महिला पत्रकार के सहारे अधिकारी को निशाने में लेता है अपने ही सहकर्मी को उलझाने में वो चर्चा में है। पत्रकारिता की दिशा-दशा वैसे ही पेशेवर हो गई है जैसे सियासत में नेतागिरी,चुनाव लड़कर माननीय बन जाना ! अब है तो सब सत्य मेव जयते ही !! इस बात में पर ग्लानी भी नही होनी चाहिए बदलते परिवेश में यह परिद्रश्य और गन्दा होता जायेगा चाहे राजनीती हो या पत्रकारिता !
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