मल्हार मीडिया ब्यूरो श्योपुर।
मध्यप्रदेश के श्योपुर के एडीएम वीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को तानाशाही पूर्ण आचरण करते हुए वरिष्ठ पत्रकार दशरथ सिंह परिहार को अपने गनमैन और रीडर से जमकर पिटवाया और बाद में उन्हें गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवा दिया। एडीएम अपने एक फैसले को लेकर अखबार में छपी खबर से नाराज थे।
मंगलवार को दशरथ सिंह परिहार को उस समय गिरफ्तार करवाया गया, जब वे जिला जनसंपर्क कार्यालय में बैठे थे। परिहार दैनिक भास्कर के श्योपुर ब्यूरोचीफ हैं। एडीएम के गनमैन उन्हें एडीएम के चेंबर में ले गए। वहां एडीएम वीरेंद्र सिंह मौजूद थे। गनमैन ने दशरथ से मारपीट शुरु कर दी। रीडर ने भी दशरथ के साथ मारपीट की।
इस बीच पुलिस को बुलवाकर एडीएम ने दशरथ को गिरफ्तार करवा दिया। सूचना मिलने पर कई पत्रकार वहां पहुंचे तो एडीएम ने उन्हें भी धमकी दी कि यदि किसी ने बीच में हस्तक्षेप किया तो उसे भी जेल भिजवा दूंगा। बाद में - दशरथ सिंह को जेल भिजवा दिया गया। उनसे मिलने जेल पहुंचे पत्रकारों ने बताया किउनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान हैं। उनके कपड़े भी मारपीट में फट गए।
पत्रकारों ने उनकी जमानत लेने का प्रयास किया लेकिन एडीएम के इशारे पर उनकी जमानत भी नहीं हो सकी। जेल में हालत बिगड़ने पर पत्रकारों की मांग पर दशरथ सिंह को इलाज के लिए देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया। - इस घटना की प्रदेश के पत्रकार संगठनों ने निंदा की हैं। मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष शलभ भदौरिया ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है।
उन्होंने कहा कि बुधवार को संघ का एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले को लेकर गृहमंत्री, जनसंपर्क मंत्री और डीजीपी से मिलेगा। उनसे मांग की जाएगी कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और पत्रकार को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित करने वाले एडीएम वीरेंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
सेंट्रल प्रेस क्लब के अध्यक्ष गणेश साकल्ले, महासचिव राजेश सिरोठिया और संस्थापक विजय दास ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की हैं। भोपाल जर्नलिस्ट एसो. के अध्यक्ष सतीश सक्सेना ने घटना की निंदा करते हुए इस मामले की शिकायत गृह मंत्री एवं डीजीपी से करने की बात कही हैं।
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