पत्रकार सुरक्षा कानून पर इंदौर प्रेस क्लब में हुआ संवाद

मीडिया            Jun 04, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो इंदौर।

महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की तरह मध्यप्रदेश में भी पत्रकार सुरक्षा कानून जल्दी से जल्दी लागू किया जाए, इसका लाभ सभी पत्रकारों को मिले और इसके प्रावधान ऐसे हों कि उनको शारीरिक और संपत्ति की सुरक्षा मिले। आज पत्रकार चौतरफा संघर्ष में घिरा है और हमें एकजुट होकर अपनी बात को आगे बढ़ाना चाहिए, तभी हम सरकार से पत्रकारों के हित में उक्त कानून लागू करवा पाएंगे और इसका लाभ हर श्रेणी के पत्रकार को मिले।

यह बात इंदौर प्रेस क्लब में पत्रकार सुरक्षा कानून पर आयोजित 'संवाद' कार्यक्रम में इंदौर-उज्जैन संभाग के पत्रकारों के प्रतिनिधि संगठनों के नुमाइंदों ने कही। सभी ने एकमत से कहा कि एक लंबी लड़ाई का हम सूत्रपात कर रहे हैं। संवाद की शुरुआत में इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने प्रेस क्लब द्वारा विशेषज्ञों की मदद से तैयार किए गए पत्रकार सुरक्षा कानून प्रारूप के कानून की जानकारी दी और कहा कि इसे लागू करवाने के लिए हमारा एकजुट होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो सकता है तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं। इस कानून में यह प्रावधान भी होना चाहिए कि कोई भी पत्रकार इसका दुरुपयोग भी न कर सके। इस मुद्दे पर जल्दी ही पत्रकार संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।

इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष सतीश जोशी ने कहा कि सरकार व्यापक स्वरूप में पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल प्रभाव से लागू करे। यह बहुत ही गंभीर विषय है और इसके लिए हमें जिस भी स्तर पर संघर्ष करना पड़े हम उससे पीछे नहीं हटेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी ने कहा कि सरकार हमारी सुरक्षा की व्यवस्था करे, उक्त कानून में हमारी संपत्ति और शरीर की सुरक्षा का प्रावधान हो। कानून लागू करने से पहले सरकार इस पर हमारी राय भी ले। वरिष्ठ पत्रकार हेमन्त पाल ने कहा कि एक्ट के दायरे में अंशकालिक पत्रकारों को भी लाया जाना चाहिए और पत्रकारों की भी एक परिभाषा तय होना चाहिए।

देवास प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिलसिंह सिकरवार ने कहा कि हम एक लम्बी लड़ाई का सूत्रपात कर रहे हैं। पत्रकार सुरक्षा कानून के दायरे में हर श्रेणी के पत्रकारों को शामिल करना चाहिए। इसके लिए हम तहसील व जिला स्तर से भी आवाज उठाएंगे। वरिष्ठ पत्रकार छोटू शा ी ने कहा कि उक्त कानून में ग्रामीण पत्रकारों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।

प्रेस क्लब महासचिव नवनीत शुक्ला ने कहा कि हम जल्दी ही उक्त प्रारूप के आधार पर एक अंतिम प्रारूप तैयार करेंगे, इस पर अलग-अलग पत्रकार संगठनों से भी चर्चा की जाएगी और सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रेस की आजादी में भरोसा रखने वाले संगठनों को साथ लेकर सरकार के सामने अपना पक्ष रखेंगे।

प्रेस क्लब उपाध्यक्ष संजय जोशी ने कहा इस कानून के दायरे में हर पत्रकार को लाना चाहिए भले ही वह किसी भी पत्रकार संगठन से वास्ता रखता हो। सूरज उपाध्याय ने कहा हम अपनी लड़ाई में नेता, समाजसेवी और जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करेंगे। प्रदीप जोशी ने कहा कि कवरेज के दौरान सुरक्षा का विशेष प्रावधान कानून में किया जाना चाहिए।

संजय त्रिपाठी ने कहा कि महाराष्ट्र जैसा कानून मध्यप्रदेश में भी लागू हो और पत्रकारिता करने वाला हर शख्स इस कानून के दायरे में लाया जाए। मुकेश मिश्रा ने कहा हम एकजुट हो जाएंगे तो सरकार को निर्णय लेना ही पड़ेगा।

प्रदीप मिश्रा ने कहा हम जनप्रतिनिधियों से बार-बार यह सवाल करें कि आखिर मध्यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून क्यों लागू नहीं हो पा रहा है। म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा एक होकर ही हम इस कानून को लागू करवा पाएंगे। सुरक्षा मिलेगी तो ही हम मजबूती से काम कर पाएंगे।

राहुल वावीकर ने कहा कि इसमें डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट जैसे ही प्रावधान होना चाहिए। प्रेस क्लब सचिव हेमन्त शर्मा, कोषाध्यक्ष दीपक कर्दम, वरिष्ठ पत्रकार विमल गर्ग, अनुराग पुरोहित ने भी इंदौर प्रेस क्लब द्वारा तैयार ड्राफ्ट पर अपनी राय प्रकट की।

संवाद में उज्जैन प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री विशाल हाड़ा, नीमच प्रेस क्लब के अध्यक्ष भूपेन्द्र गौड़ बाबा, देवास प्रेस क्लब के सचिव, श्री मोदी, वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु राठौर, पवन शर्मा, प्रकाश त्रिवेदी, अनिलसिंह भाटी, कपिल पंवार, अभिषेक चेंडके, राजीव उपाध्याय, वरिष्ठ छायाकार राजू रायकवार, आशु पटेल सहित कई पत्रकार इस संवाद में शामिल हुए।

 



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