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प्रभारी कलेक्टर की पीआरओ को धमकी,गणतंत्र दिवस पर मीडिया दिखा तो तुम्हारी नौकरी खतरे में!

मीडिया, राज्य            Jan 25, 2017


शिवपुरी से संजीव पुरोहित।

अगर सब कुछ ठीक नहीं रहा तो इस बार शिवपुरी जिले में गणतंत्र दिवस का कवरेज लोकल मीडिया नहीं करेगा। कारण है प्रभारी कलेक्टर मीडिया पर अंकुश लगाने का तानाशाहीपूर्ण रवैया। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में मीडिया और प्रभारी कलेक्टर के बीच गणतंत्र दिवस के कवरेज को लेकर ठन गई है। दरअसल प्रभारी कलेक्टर नेहा मारव्या ने कल 24 जनवरी को गणतंत्र दिवस की रिहर्सल के दौरान उन्होंने जनसंपर्क अधिकारी को लगभग धमकाने के अंदाज में कहा कि पत्रकार कार्यक्रम में आने वाले वीआईपी के सामने न आएं यदि आये तो तुम अपनी नौकरी खतरे में समझो। प्रभारी कलेक्टर के इस रवैये का स्थानीय मीडिया विरोध कर रहा है। मीडिया ने गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम का बहिष्कार करने का एलान कर दिया है।

यह कोई पहला मौका नहीं है जब नेहा मारव्या ने प्रेस को रोकने का प्रयास किया हो। इसके पहले उन्होंने ने पत्रकारों को शासन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम जनसुनवाई में प्रवेश एवं कवरेज को लेकर एक सीमा में बांधने का निर्देश दिया था जिसका पत्रकारों ने विरोध किया तब कहीं जाकर स्थिति संभली। भी दमनात्मक एवं तानाशाहीपूर्ण रवैये को लेकर पत्रकारों में खासा रोष है जिसके चलते समस्त पत्रकार संगठन गणतंत्र दिवस पर होने वाले मुख्य समारोह का बहिष्कार करेंगे।

गौरतलब है कि 12 जनवरी को जिला कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के अवकाश पर जाने के बाद से बतौर प्रभारी कलेक्टर जिले की कमान संभालने वाली नेहा मारव्या सिंह के निशाने पर स्थानीय मीडिया लगातार बना हुआ है। वे मीडिया को धमकाऊ अंदाज में अपने अनुसार चलाने का प्रयास कर रहीं हैं जिसके खिलाफ पत्रकार मुखर विरोध दर्ज करा चुके हैं।

अब एक बार फिर गणतंत्र दिवस समारोह में कवरेज करने से रोककर उस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया है। पत्रकारों के अनुसार हालांकि पीआरओ अनूप भारती ने इस मामले को मीडिया में जाने से रोका, लेकिन वहां मौजूद एक मीडियाकर्मी के कैमरे में यह सबकुछ कैद हो गया। पत्रकारों ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया है कि वे गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह का बहिष्कार करेंगे और जब तक नेहा मारव्या सिंह माफी नहीं मांगती और अपने व्यवहार में सुधार नहीं करती तब तक सभी शासकीय कार्यक्रमों का बहिष्कार किया जाएगा।

अब सवाल ये है कि एनडीटीवी पर एक दिन के बैन के खिलाफ खड़े होने वाले पत्रकार क्या शिवपुरी के पत्रकारों के लिए कुछ करेंगे।



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