मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज नईदुनिया अखबार के फोटो जर्नलिस्ट के साथ हुई बदसलूकी के खिलाफ पत्रकारों नेकाली पट्टी बांधकर ज्योति टॉकीज से एमपीनगर थाने तक पैदल मार्च किया।
इसके साथ ही एमपी नगर स्थित थाने में एसपी ऑफिस में जाकर मांग रखी कि फोटोग्राफर निर्मल व्यास के साथ अयोध्या नगर थाने में कार्यरत आईपीएस अधिकारी मीणा द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को लेकर एफआईआर कराई और तत्काल पद से हटाया जाए। यहां मीडियाकर्मियों ने मीणा के खिलाफ नारेबाजी की और डीआईजी रमन सिंह सिकरवार ज्ञापन भी सौंपा।
गौरतलब है कि इस घटना पर सीएम शिवराज ने भी अफसोस जताते हुए कहा था कि 'मैं हमेशा से इस बात को लेकर सख्त हूं कि किसी के भी खिलाफ कोई बदसलूकी न हो। ऐसे में किसी ने मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया है तो उसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी।'
इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि मीडियाकर्मियों के साथ पुलिस का इस तरह का व्यवहार गंभीर चिंता का विषय है। इस मुद्दे को वे आगामी विधानसभा सत्र में उठायेंगे। नेता प्रतिपक्ष और राज्यमंत्री विश्वास सारंग ने पीड़ित पत्रकारों को 10—10 हजार रुपये और विधायक रामेश्वर शर्मा ने पांच हजार रु सहायता देने की घोषणा की भी की।
ज्ञातव्य है कि सोमवार को आम आदमी पार्टी के बिजली घोटाले के विरोध मे प्रदर्शन की विशालता को आंकने मे असफल रही भोपाल की पुलिस ने अपनी खिसियाहट उन निर्दोष कैमरामैनों पर लाठी बरसा कर निकाली जो अपनी ड्यूटी को अंजाम देते कवरेज कर रहे थे। यह कैमरामैन की गलती नहीं थी कि प्रदर्शनकारी राजभवन जैसे अति संवेदनशील इलाके तक जा पहुचे,बल्कि पुलिस इन्टेलिजेन्स की अकर्मण्यता थी,जो खीज के रूप में पुलिस ने मीडियाकर्मियों को पीट कर निकाली। मंगलवार को तो हद ही हो गयी,अयोध्यानगर के थाना प्रभारी प्रशिक्षु आईपीएस धर्मराज मीणा ने लूट की घटना का कवरेज करने गये मीडियाकर्मियों से न केवल बदतमीजी की बल्कि एक कैमरामैन का कैमरा तक तोड़ दिया। पुलिस की इसी हरकत से नाराज होकर पत्रकारों ने आज प्रदर्शन किया।
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