ममता यादव।
बीच सड़क पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संवित पात्रा की पहली पत्रकार वार्ता, 15 दिनों से चली रही थी तैयारी मगर पत्रकारों के सवालों से आलम यह हुआ कि पात्रा जी पत्रकार वार्ता छोड़कर जाने लगे। विशाल मेगामार्ट में जाने की कोशिश की मगर रोक दिया गया। सवालों के दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने पत्रकारों को हड़काने के अंदाज में कहा संवित जी से ऐसे सवाल पूछने की हिम्मत कैसे हुई। इसके बाद जो माहौल बना वह कई पत्रकारों की आंखों देखी यहां प्रस्तुत है—
बात दरअसल यूं है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र एमपी नगर जोन—1 स्थित विशाल मेगामार्ट के सामने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संवित पात्रा ने रखी पत्रकार वार्ता। पत्रकार वार्ता चूंकि सड़क पर रखी गई थी तो जाहिर सी बात है कोई भी आकर खड़ा हो जायेगा। यूं भोपाल राजधानी है तो यहां न तो फर्जी पत्रकारों की कमी है न ही फर्जी नेताओं की।
फिर पत्रकार वार्ता का आयोजन तो प्रेस कांप्लेक्स में किया गया था तो कुछ न कुछ हंगामा तो होना ही था। बात सिर्फ इतनी ही होती तो भी खैरियत रहती लेकिन सड़क पर चल रही यह पत्रकारवार्ता विवादों में उलझ गई।
प्रत्यक्षदर्शी पत्रकारों के अनुसार कुलमिलाकर ये कि पत्रकारवार्ता का माहौल ही बिगड़ गया जब एक अज्ञात व्यक्ति ने बीच प्रेस वार्ता में पत्रकारों से यह कहना शुरू कर दिया कि आप लोग संवित जी ऐसे सवाल नहीं पूछ सकते, आपकी हिम्मत कैसे हुई ऐसे सवाल पूछने की।
इस पर कुछ पत्रकारों ने आपत्ति लेते हुए उससे पूछा कि तुम कौन हो तो उस व्यक्ति ने भोपाल के पत्रकारों को गुंडा कह दिया। इसके बाद हंगामा हुआ और इस पर उस व्यक्ति से पत्रकारों की तू—तू, मैं—मैं हो गई पुलिस उसे पुलिस पकड़कर ले गई।
दिलचस्प और हैरानी की बात यह कि वह व्यक्ति न तो पत्रकार था न भाजपा की तरफ से था। शाम तक मिली खबरों के अनुसार उस व्यक्ति के बारे में ठीक—ठीक जानकारी नहीं मिल पाई।
धमकाने वाले व्यक्ति को ले जाती पुलिस देखें यहां क्लिक करके
अगर कुछ सूत्रों की बात पर भरोसा करें तो वह व्यक्ति किसी उद्योग समूह में उंचे पद पर है। एमपी नगर थाने के टीआई अभी तक भी कोई जानकारी नहीं दे पाये।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर किसी उद्योग समूह के बड़े पदाधिकारी के पास इतना समय कि वह इस सबमें उलझे और उसका क्या लेना देना इस सारे मामले से?
लेकिन पत्रकारों को लगभग धमकाने के अंदाज में उस अज्ञात द्वारा की गई इस हरकत से माहौल बिगड़ गया और सवालों से असहज हो संवित पात्रा प्रेस कांन्फ्रेंस छोड़कर विशाल मेगामार्ट में जाने लगे तो वहां उन्हें भीतर नहीं जाने दिया गया।
खैर पिछले आधे पखवाड़े से पत्रकार वार्ता की तैयारिया कर रहे संवित पात्रा ने आज पहले तो एक होटल में भाजपा के मीडिया सेंटर का उद्घाटन किया फिर विशाल मेगामार्ट के सामने पत्रकारवार्ता की।
लेकिन जब पात्रा से यह पूछा गया कि जब यह मामला कोर्ट में है तो आप इस पर प्रेसकांफ्रेंस क्यों कर रहे हैं? इसका जवाबा संवित पात्रा नहीं दे सके।
भारतीय जनता पार्टी की इस पत्रकार वार्ता में शरूआत से ही नाटकीय घटनाक्रम होने लगे थे। एक तो चुनाव आयोग से पत्रकार वार्ता की अनुमति मिलने से पहले ही तैयारियां शुरू हो गईं। इसी बीच जब पुलिस भाजपा प्रवक्ता राहुल कोठारी को कुर्सियां टेंट हटाकर ले जाने लगी तो चुनाव आयोग से अनुमति मिल गई। तभी कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया भी वहां पहुंच गये और उनकी राहुल कोठारी से बहस हो गई और उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत करने की बात कही।
आज की भारतीय जनता पार्टी चुनाव मीडिया प्रभारी संविद पात्रा की कुलमिलाकर इस पहली प्रेसवार्ता में थू—थू ही हो गई। एक नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर उसी की जमीन के सामने प्रेसवार्ता करने आये पात्रा खुद ही हंसी के पात्र बन गये। उनकी तैयारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाये और आखिर को उन्हें कान्फ्रेंस छोड़कर जाना पड़ा।
इस कान्फ्रेंस से जो एक सीधा संदेश गया है वह यह कि भोपाल के मीडिया को दिल्ली से आये संविद ने बहुत हल्के में ले लिया। उस व्यक्ति के बारे में सवाल पूछे जाने चाहिए जो भाजपा प्रवक्ताओं के बगल में खड़े होकर मीडिया को धमकाने की हिमाकत कर गया और पुलिस तक उसके बारे में कुछ नहीं बता पा रही क्यों?
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