मल्हार मीडिया ब्यूरो।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक गलत खबर प्रकाशित करने को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया (ToI) की निंदा की है, साथ ही PCI ने माफी के तौर पर इस खबर से जुड़े सही फैक्ट के साथ फिर से खबर प्रकाशित करने का आदेश दिया है।
हिंदी न्यूजपोर्टल ‘आजतक’ (aajtak.in) की एक खबर के मुताबिक, पिछले साल अगस्त में टाइम्स ऑफ इंडिया ने केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दतात्रेय के साथ काम कर रहे श्याम वीर टांक पर कथित भ्रष्टाचार मामले को लेकर एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें टांक पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में घूस देने का जिक्र किया गया था। हालांकि मामला संज्ञान में आते ही, हरियाणा के रोहतक EPFO कार्यालय में क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर पद पर तैनात एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को खत लिखकर आरोपों का खंडन किया था। इस खत में श्याम वीर टांक पर लगे आरोपों को पूरी तरीके से गलत बताया गया था।
हालांकि इसके बाद, मामले को शिकायत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष उठाई और जांच की मांग की थी। अपनी शिकायत में ईपीएफओ ने कहा था कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने ओहदे का दुरुपयोग करते हुए तोड़-मरोड़ कर गलत खबर को प्रकाशित किया और शिकायत के बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
आजतक की खबर के मुताबिक, अब ईपीएफओ का कहना है कि इस मामले को लेकर काउंसिल ने जांच की और आरोपों को सही पाया, जिसके बाद अखबार को अपनी गलत को स्वीकार करते हुए सही को प्रकाशित करने का आदेश दिया गया है। ईपीएफओ ने सही जांच और अखबार को सख्त संदेश देने के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का धन्यवाद भी किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री बंडारू दतात्रेय के साथ काम रहे श्याम वीर टांक पर सीबीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) और ईपीएफओ के अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में पद से हटा दिया गया। श्याम वीर पर फाइलों में फेरबदल के भी आरोप थे। जानकारी के अनुसार, रीजनल प्रोविडेंट फंड्स कमिश्नर रैंक के अधिकारी टांक ने RPFC-II कैडर के अधिकारियों के वेतनमान में बढ़ोतरी के लिए सीबीटी और ईपीएफओ के अधिकारियों को भारी रिश्वत दी थी।
खबर के मुताबिक, सवाल उठने के बाद अखबार ने सफाई में अपना पक्ष रखा था, लेकिन EPFO के अधिकारी सफाई से संतुष्ट नहीं थे। अखबार ने श्याम वीर से बातचीत का हवाला देते हुए सफाई में लिखा था कि श्याम वीर पर लगे आरोप गलत हैं, उन्होंने किसी भी तरह से घूस देने से इनकार कर दिया है। हालांकि अखबार ने सीधे तौर पर अपनी गलती नहीं मानी।
ईपीएफओ की ओर से ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को लिखे खत में कहा गया है कि अब ईपीएफओ की ओर से सभी पीएफ का भुगतान ऑनलाइन किया जाता है तो फिर इस तरह की खबर का कोई आधार ही नहीं है।
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