मल्हार मीडिया डेस्क।
हिन्दुस्तान अख़बार करोड़ों के पीएफ-डीए घोटाले में फंस गया है और, केंद्र सरकार ने इस पर जांच बैठा दी है। मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार कर्मचारियों को वेतन और एरियर न देकर उनके हक़ के करोड़ों रूपये निगल चुके हिन्दुस्तान अख़बार व उसकी मालकिन नामचीन बिरला घराने की शोभना भरतिया की मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली हैं। उनकी कंपनी एचएमवीएल में हुए करोड़ों के पीएफ-डीए घोटाले की गूंज पीएमओ तक है। हिन्दुस्तान बरेली के मजीठिया क्रांतिकारियों ने कंपनी में लंबे अरसे से हो रहे इस गोलमाल को ना सिर्फ उजागर किया बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखित शिकायत के साथ बतौर साक्ष्य अपनी वेतन पर्चियां भी सौंप दी हैं।
वित्तीय मामलों के जानकार बताते हैं कि कर्मचारी को डीए देना अनिवार्य होता है। हिन्दुस्तान अपने किसी भी कर्मचारी को डीए देता ही नहीं है। बेसिक और डीए जोड़कर उस पर पीएफ बनेगा। हिन्दुस्तान अख़बार एक तो अपने कर्मचारियों का डीए खा रहा है, दूसरे वास्तविक पीएफ नहीं जमा कर रहा है। इसके अलावा बेसिक से ज्यादा भत्ते हैं जबकि नियमतः सबसे ज्यादा बेसिक होनी चाहिए, भत्ते बेसिक से कम रहेंगे। हिन्दुस्तान अख़बार में ठीक इसके उलट मामला यह है कि कम से कम पीएफ बने, इसलिए कर्मचारियों से लेकर मैनेजर तक की बेसिक कम रखी है और भत्ते उससे कहीं ज्यादा देकर मनमाना सेलरी स्ट्रेक्चर बना रखा है।
ऐसा नहीं कि हिन्दुस्तान के उच्च प्रबंधन और मालकिन शोभना भरतिया के चिंटू-मिंटू आला अफसरों की ये होशियारी भरा फ्रॉड केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय के अफसरों की जानकारी में नहीं है, मगर उनकी मज़बूरी ये है कि किसी कर्मचारी की शिकायत तो मिले।बिना शिकायत के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय भी अब तक पंगा लेने से बचता रहा।
अपने हक़ के लिए हिन्दुस्तान बरेली के कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ ताल ठोंक दी है।इस घोटाले का खुलासा मजीठिया के योद्धा हिन्दुस्तान बरेली के चीफ रिपोर्टर पंकज मिश्रा, सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, सीनियर कॉपी एडिटर राजेश्वर विश्वकर्मा ने तीन सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दस्तावेजीय साक्ष्य सहित शिकायत भेजकर किया। प्रधानमंत्री कार्यालय में हिन्दुस्तान अख़बार के इस घोटाले को बेहद गंभीरता से लिया है। पीएमओ ने शिकायतकर्ताओं को सूचना दी है कि मामले को जाँच और कार्रवाई के लिए केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त दिल्ली को भेजा गया है। साथ ही उत्तरप्रदेश की योगी सरकार को भी पीएमओ ने जाँच कराकर कार्रवाई करने को कहा है। यूपी में जाँच पर निगरानी मुख्यमंत्री सचिवालय के डिप्टी सैक्रेटरी को पीएमओ ने सौंपी है।केंद्रीय भविष्यनिधि आयुक्त कार्यालय में भी प्रकरण की जाँच पर निगरानी अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है, जोकि पीएमओ को जाँच की प्रगति से अवगत कराएंगे।
चारों कर्मचारियों ने हिन्दुस्तान के सभी कर्मचारियों व केंद्र सरकार के साथ खुल्लमखुल्ला धोखाधड़ी का मामला बताकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त दिल्ली को वेतन पर्ची के साथ भेजी शिकायत में मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को जेल भेजने और कर्मचारियों को उनका वाजिब हक़ दिलाने की मांग की है।
हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड द्वारा वेतनमान में हेराफेरी के संबंध में भेजी गई शिकायत में पंकज मिश्रा ने कहा कि उनकी नियुक्ति हिन्दुस्तान मीडिया वेचर्स लिमिटेड के दैनिक समाचार हिन्दुस्तान की बरेली यूनिट में 22 मार्च, 2010 को वरिष्ठ संवाददाता के पद पर हुई थी। इस दौरान उनको बेसिक भुगतान के रूप में रू. 5,667 मासिक का भुगतान किया गया। इसी दौरान रू. 9,081 मासिक स्पेशल एलाउंस के रूप में भुगतान किए गए। बेसिक सेलरी घटाकर स्पेशल एलाउंस के रूप में प्रति माह रू. 9,081 का भुगतान करके प्रबंधन ने सेलरी को मैनेज करने की कोशिश की, जिससे कि उन्हें भविष्य निधि अंशदान अधिक न देना पड़े।
शिकायत में आगे कहा गया कि प्रबंधन स्पेशल एलाउंस देकर उनको लंबे समय तक भ्रम में रखकर भविष्य निधि में हेरफेर करता रहा। उल्लेखनीय यह है कि इस दौरान किसी भी तरह का डीए उनको भुगतान नहीं किया गया। डीए न देने से उनको भविष्य निधि के साथ बड़ा नुकसान हुआ है।शिकायत में कहा कि वर्ष 2016 में प्रबंधन ने स्पेशल एलाउंस की जगह पर्सनल पे के रूप में रू. 16043 का भुगतान मासिक करने लगा जबकि पर्सनल पे की कोई वजह ही नहीं बनती थी। इस दौरान बेसिक पे के रूप में रू. 7376 मासिक भुगतान किया जबकि डीए के रूप में कोई भुगतान नहीं किया गया। मनोज शर्मा, निर्मल कान्त शुक्ला, राजेश्वर विश्वकर्मा ने शिकायत में कहा कि हिन्दुस्तान मीडिया वेचर्स लिमिटेड बरेली ने डीए न देकर उन लोगों का नुकसान किया है और भविष्य निधि अंशदान में भी गलत तरीके से कटौती की है। इन लोगों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रकरण में जांच कराके उचित कार्यवाही की जाए और शिकायतकर्ताओं के हित में भुगतान कराया जाए।
इतने बड़े घोटाले का मामला पीएमओ के संज्ञान ले लेने से अब मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार कर्मचारियों को वेतन और एरियर न देकर उनके हक़ के करोड़ों रूपये निगल चुके हिन्दुस्तान अख़बार व उसकी मालकिन नामचीन बिरला घराने की शोभना भरतिया के लिए आने वाले दिन मुश्किलों भरे हैं।
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