मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सप्रे संग्रहालय में 16 दिसंबर को कला-संस्कृति पत्रकारिता पर सृजन-संवाद का आयोजन किया जा रहा है। इस एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य समाचार माध्यमों में कला-संस्कृति विषयक कवरेज की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है।
सप्रे संग्रहालय के संस्थापक-संयोजक विजयदत्त श्रीधर और कार्यशाला के सूत्रधार आनंद सिन्हा ने बताया कि समाचार पत्रों में कला-संस्कृति का कवरेज बढ़ा है।
इन विषयों को महत्व दिया जा रहा है। परंतु बेहतरी की गुन्जाइश हमेशा रहती है। पत्रकारिता का एक उद्देश्य लोकरंजन भी है। कला-संस्कृति पत्रकारिता के माध्यम से कला-रसिक समाज का विकास होता है। यह स्वस्थ-सकारात्मक वृत्तियों का भी विकास करता है।
कार्यशाला में विविध कला अनुशासनों के अनुभवी विद्वान मार्गदर्शन करेंगे। सृजन संवाद के लिए चार विषय समूह बनाए गए हैं - (एक) रंगकर्म और सिनेमा, (दो) संगीत और नृत्य, (3) साहित्य और लोक साहित्य तथा (4) चित्रकला और मूर्तिकला।
सर्वश्री डा. सच्चिदानंद जोशी, डा. सुशील त्रिवेदी, शशांक, आलोक चटर्जी, प्रोफे. लता मुन्शी, श्याम मुन्शी, देवीलाल पाटीदार, राकेश दीक्षित, सुनील मिश्र, विनय उपाध्याय, युगेश शर्मा विषय-विशेषज्ञ के रूप में संबोधित करेंगे। समाचार माध्यमों में कला-संस्कृति की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार, पत्रकारिता के विद्यार्थी, स्वतंत्र समीक्षक एवं स्तंभकार तथा कला जगत के विज्ञजन कार्यशाला में सहभागिता करेंगे।
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