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संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने वाले आरोपी गिरफ्तार

राष्ट्रीय            Dec 14, 2023


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

संसद की सुरक्षा में सेंध के अगले दिन दोनों सदनों में इस मुद्दे पर विपक्ष ने खूब हंगामा किया। कई सांसदों को विंटर सेशन के बाकी हिस्से तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। सुरक्षा में सेंध के मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

एक आरोपी की तलाश जारी है। आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेशी है। इस बीच, लोकसभा सचिवालय ने 8 सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।

संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी के दिन लोकतंत्र के मंदिर की सुरक्षा में फिर सेंध लगने के अगले दिन संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने खूब हंगामा काटा। विपक्ष के 14 सांसदों को सत्र के बाकी बचे दिनों तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।

लोकसभा सचिवालय ने सुरक्षा में चूक को लेकर 8 सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। इस बीच गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर आतंकवादरोधी कानून UAPA के तहत केस दर्ज किया गया है।

छठे आरोपी और संसद कांड का मास्टरमाइंड बताया जा रहा ललित झा अभी फरार है। उसकी तलाश में छापेमारी चल रही है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक नीलम के पक्ष में हरियाणा के जींद में गुरुवार को महापंचायत भी कई गई। आइए डालते हैं संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले को लेकर गुरुवार के अबतक के बड़े अपडेट।

संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर विपक्ष ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में आक्रामक तेवर अपनाए। हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

उन्होंने ‘गृहमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों से हंगामा न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि संसद परिसर की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद की सुरक्षा सरकार का नहीं, बल्कि ‘हमारा अधिकार क्षेत्र’ है।

बिरला ने कहा, ‘कल जो घटना घटी है उसे लेकर हम सब चिंतित हैं और संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की होती है, हमने संसद की सुरक्षा के मसले पर कल चर्चा की थी और आगे फिर चर्चा करेंगे।

सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है।’ उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। स्पीकर ने कहा, ‘गलत परिपाटी मत डालिए। पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसे लेकर फिर चर्चा करेंगे।’

हंगामे के बीच सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी को सुरक्षा चूक के मामले की निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें सावधान रहने की जरूरत है..केवल सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के सदस्यों को भी ध्यान रखना चाहिए कि अराजकता पैदा करने वालों को ‘पास’ न मिले।’ सिंह ने कहा कि पुराने संसद भवन में भी कागज फेंकने और दीर्घाओं से कूदने की घटनाएं हुई हैं।

उन्होंने कहा कि सदन में हंगामे की स्थिति पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है। रक्षा मंत्री के बयान के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल शुरू करवाया। लेकिन हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही। कुछ ऐसा ही हाल राज्यसभा में रहा जहां विपक्षी सांसदों ने खूब हंगामा किया।

संसद की सुरक्षा में सेंध के मसले पर विपक्ष लगातार दोनों सदनों में हंगामा करता रहा। लोकसभा में स्पीकर के बार-बार शांति बनाए रखने की अपील के बाद भी कई विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे। एक बार के स्थगन के बाद जब दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्ष सदस्य फिर हंगामा करने लगे।

 स्पीकर की तरफ से बार-बार की जा रही अपील के बावजूद जब हंगामा जारी रहा तब संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने आसन की अवमानना को लेकर कांग्रेस के 5 सांसदों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव पेश किया।

प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया और कांग्रेस के इन पांचों सदस्यों को मौजूदा शीतकालीन सत्र की बाकी अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद पीठासीन अधिकारी भर्तृहरि महताब ने कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी।

3 बजे जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्ष सदस्य फिर हंगामा करने लगे। सस्पेंड किए गए 5 सांसद भी हंगामा करते रहे। इसके बाद प्रहलाद जोशी ने कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर, द्रमुक की कनिमोई, एस आर प्रतिबन, सीपीएम के एस वेकटनेशन, पी आर नटराजन और सीपीआई के के. सु्ब्बारायन के निलंबन का प्रस्ताव रखा। इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

पीठासीन अधिकारी महताब ने दूसरी बार में 9 विपक्षी सदस्यों के निलंबन के बाद दोपहर करीब तीन बजकर दो मिनट पर लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस तरह हंगामे की वजह से गुरुवार को लोकसभा के कुल 14 सांसद सत्र की बाकी की अवधि के लिए सस्पेंड कर दिए गए।

 ‘अमर्यादित आचरण’ करने के लिए वरिष्ठ विपक्षी सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के नेता सदन डेरेक ओब्रायन को बृहस्पतिवार को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।

उससे पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने ब्रायन को सदन के नेता पीयूष गोयल ने दोपहर करीब 12 बजकर 5 मिनट पर इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे धवनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सभापति धनखड़ ने घोषणा की, ‘डेरेक ओब्रायन इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाते हैं।’इस घोषणा के बाद विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘डेरेक का निलंबन नहीं सहेंगे’ जैसे नारे लगाने लगे।

 

निलंबन के बाद भी ओब्रायन के सदन में मौजूद रहने के कारण भोजनावकाश के बाद तीन बार कार्यवाही स्थगित की गई। दोपहर ढाई बजे जब सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो सभापति धनखड़ ने इस बात पर आपत्ति जताई कि निलंबन का प्रस्ताव पारित होने के बावजूद ओब्रायन सदन में मौजूद हैं।

उन्होंने कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह प्रस्ताव की अवहेलना कर रहे हैं और आसन की अवमानना कर रहे हैं। उनके आचरण ने सदन को पंगु बना दिया है...लोगों पर सदन की कार्यवाही का बोझ पड़ता है।

जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हम सब बाध्य हैं।’ धनखड़ ने ओब्रायन से सदन से बाहर जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘चूंकि निलंबित सदस्य सदन से बाहर नहीं गए हैं इसलिए सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित की जाती है।

’ उन्होंने उम्मीद जताई कि जब तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होगी तो ओब्रायन आसन के आदेश का पालन करेंगे। हालांकि तीन बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर भी डेरेक ओब्रायन सदन में मौजूद थे और सभापति ने बैठक चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, ओब्रायन के निलंबन के विरोध और संसद की सुरक्षा में चूक पर चर्चा की विपक्ष की मांग के मुद्दे पर हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

उच्च सदन की कार्यवाही जब भोजनावकाश के बाद फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सदन में आकर बुधवार को लोकसभा में सुरक्षा में हुई चूक पर बयान देने की मांग करने लगे।

ओब्रायन का नाम लिए बिना सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि निलंबन के बावजूद सदन में उनकी उपस्थिति नियमों की अवहेलना है। विपक्षी सदस्यों के नारेबाजी जारी रखने पर धनखड़ ने सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

उच्च सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले भी दो बार स्थगित हुई। इस दौरान, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओब्रायन को ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।

 



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