मल्हार मीडिया ब्यूरो।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के लिए काम करने के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए एडवाइजरी जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देशों के बाद इसे जारी किया गया है।
क्या हैं दिशा निर्देश
- हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों से अपील है कि वे कॉलेज और अस्पताल परिसर में फैकल्टी, मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी कर्मचारियों के लिए काम का सुरक्षित माहौल बनाएं। ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, हॉस्टल और परिसर और आवासीय क्वार्टरों में अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए। कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित रूप से चलने के लिए शाम को कॉरिडोर और परिसर में अच्छी रोशनी होनी चाहिए। इसके अलावा निगरानी के लिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों को सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।
- मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, लेबर रूम, हॉस्टल और आवासीय क्वार्टर और अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा कर्मचारियों (पुरुष और महिला) की तैनाती होनी चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
- मेडिकल छात्रों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की कॉलेज प्रबंधन द्वारा तुरंत जांच की जानी चाहिए। पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए। हिंसा की किसी भी घटना पर एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट अनिवार्य रूप से घटना के 48 घंटे के भीतर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को भेजी जानी चाहिए।
इससे पहले जेपी नड्डा ने भारतीय चिकित्सा संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी। इस दौरान कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्याकांड को लेकर चर्चा की गई। आईएमए ने बीते दिन जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा था। जिसमें आईएमए की तरफ से कई मांगें रखी गई थीं।
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