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फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में आजम खान को बड़ी राहत, सजा पर लगी रोक

राष्ट्रीय            May 24, 2024


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

इलाहाबाद हाईर्ट से पूर्व मंत्री आजम खां को बड़ी राहत मिली है। बेटे अब्दुल्ला के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में कोर्ट ने आजम के साथ ही उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी भी मंजूर कर ली। कोर्ट ने आजम की सजा पर भी रोक लगा दी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सजा काट रहे सपा नेता आजम खां के कुनबे को बडी राहत दी है। कोर्ट ने आजम खां, पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुला आजम की जमानत मंजूर कर ली है।

वहीं आजम खां को मिली सात वर्ष की सजा पर रोक लगा दी है। जबकि पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुला आजम की सजा को अ्लग मानते हुए कोर्ट ने रोक लगाने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि इनका मामला आजम से अलग है।

न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की अदालत ने आजम खां, पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुला आजम की ओर से रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से सुनाई गई सात वर्ष की सजा के खिलाफ दाखिल पुनरीक्षण याचिका शुक्रवार को स्वीकार करते हुए उक्त फैसला सुनाया।मामले मेें तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम एक वर्ष चार महीने और आजम खां दो वर्ष पांच माह से जेल में बंद हैं।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2017 में अब्दुल्ला आजम स्वार से विधायक चुने गए थे। प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां तथा बाद में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र पर चुनाव लड़ने की शिकायत की थी। इस पर हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला का चुनाव रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली।

अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्र में उनकी जन्मतिथि एक जनवरी 1993 जबकि नगर निगम लखनऊ से जारी प्रमाणपत्र में 30 सितंबर 1990 दर्ज है। आजम खां सहित तीनों के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।

आज़म खान उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुला को रामपुर की एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करवाने के मामले में सात -सात साल कैद की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ आजम खान के कुनबे ने सजा के खिलाफ आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर कर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जमानत की मांग भी की थी।

इस मामले की सुनवाई जनवरी माह से चल रही है। सरकार ने काफी टाल मटोल के बाद जवाबी हलफनामा दाखिल किया था। आजम खान के परिजनों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के जानेमाने वकील कपिल सिब्बल और अधिवक्ता इमरान उल्ला ने भी रखा था। जबकि अभियोजन की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमाेर मिश्रा, अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, शासकीय अधिवक्ता एके संड ने पक्ष रखा था।

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भले ही आजम खां और बेटे अब्दुल्ला को जमानत दे दी है, लेकिन दोनों की रिहाई फिलहाल मुमकिन नहीं है, सिर्फ तंजीम की ही रिहाई हो सकेगी। आजम के वकील इमरानउल्ला के मुताबिक पिता-पुत्र दोनों के खिलाफ कई अन्य मामले विचाराधीन हैं। इन मामलों की जमानत अर्जी पर सुनवाई 29 मई को होनी है।

 



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