मल्हार मीडिया ब्यूरो।
गुजरात के वडोदरा स्थित हरणी झील में गुरुवार को पिकनिक मनाने गए स्कूली छात्रों से भरी नाव पलट गई जिससे 13 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई। तीन छात्र अभी भी लापता हैं। नाव में क्षमता से अधिक छात्रों को बैठाया गया था। इसके साथ ही उन्हें लाइफ सेविंग जैकेट भी नहीं पहनाई गई थी।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात के वडोदरा स्थित हरणी झील में पिकनिक मनाने गए स्कूली छात्रों से भरी नाव पलट गई, जिससे 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई। तीन छात्र अभी भी लापता हैं। नाव में क्षमता से अधिक छात्रों को बैठाया गया था। इसके साथ ही उन्हें लाइफ सेविंग जैकेट भी नहीं पहनाई गई थी।
घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल एवं राज्य के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी वडोदरा के लिए रवाना हो गए हैं।वडोदरा के न्यू सनराइज स्कूल के छात्र गुरुवार को हरणी झील पर पिकनिक मनाने गये थे। पंद्रह लोगों की क्षमता वाली एक नाव में लगभग 23 छात्रों और चार शिक्षकों को बैठा दिया गया।
छात्रों ने लाइफ सेविंग जैकेट नहीं पहनी थी, यही लापरवाही उनकी मौत का कारण बन गई। एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। नौ छात्रों का उपचार जारी है। जानवी अस्पताल में नौ छात्रों की, जबकि सयाजी राव अस्पताल में तीन छात्रों की मौत की पुष्टि की गई है।
इस झील में नाव चलाने का ठेका वडोदरा महानगरपालिका ने परेश शाह नामक व्यक्ति को दिया था। परेश ने अपनी तरफ से नाव चलाने का कांट्रैक्ट नीलेश जैन को दिया था। नीलेश ने किसी तीसरे व्यक्ति को यह काम सौंप रखा था। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि दो नाव में सवार होकर छात्र झील में गए थे। कहा गया है कि गुजराती मीडियम के बच्चों की बोट किनारे पर लौट आई, जबकि अंग्रेजी माध्यम के बच्चों की नाव पलट गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि वडोदरा की हरणी झील में नाव पलटने से हुई मौत से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायल शीघ्र स्वस्थ हों। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। पीएमओ ने कहा कि मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने सात छात्रों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने का भरोसा दिया है। शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल्ल पानेसरिया ने माना है कि दुर्घटना ठेकेदार की लापरवाही का परिणाम है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने छात्रों को पिकनिक पर ले जाने की गाइडलाइन बना रखी है, लेकिन यहां उसकी घोर उपेक्षा की गई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने इसे दुर्घटना के बजाय हत्या बताते हुए सरकार व प्रशासन पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया है।
हरणी तालाब में डूबे बच्चों की तलाश के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल के जवानों को ऑक्सीजन मास्क व कैमरा के साथ तालाब में उतारा गया। इससे पहले एक जाल को भी तालाब में घुमाया गया, ताकि पानी में डूबे बच्चों को खोजा जा सके। उधर, प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि नाव में करीब 30 बच्चे सवार थे।
नाव के साथ डूबने वाले एक मासूम ने बताया कि नाव पलटने के बाद उसके हाथ में नाव का पाइप आ गया और अन्य बच्चों के हाथ में रस्सा आ गया। रस्से को पकड़ने के कारण उनकी जान बची। नाव पलटने के साथ ही स्थानीय नागरिक बचाव करने में जुट गये तथा फायर ब्रिगेड व एनडीआरएफ की टीम भी आनन फानन में घटनास्थल पर पहुंची।
अक्टूबर 2022 में मोरबी में झूलते ब्रिज के टूट जाने से 135 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के मुख्य आरोपित ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल अभी जेल में है। इस घटना से भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। ताजा घटना इसका उदाहरण है।
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