Breaking News

तीन राज्यों में कैबीनेट गठन की कवायद तेज, दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री

राष्ट्रीय            Dec 17, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार गठन के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज हो गई है। तीनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री अपने सहयोगी उपमुख्यमंत्रियों के साथ दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से विचार विमर्श कर रहे हैं।

चार महीने बाद होने जा लोकसभा चुनावों को देखते हुए इन राज्यों में मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश होगी, वहीं नए चेहरों और पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जाएगी।

औपचारिक मुलाकात की पुरानी परंपरा

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद केंद्रीय नेताओं से औपचारिक मुलाकात की पुरानी परंपरा रही है। इसी कड़ी में तीनों राज्यों के नए मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। जाहिर तौर पर इन मुलाकातों के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा होगी। इसके साथ ही इन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों समेत संगठन के वरिष्ठ नेताओं को भी दिल्ली बुला लिया गया है।

मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों की भी होगी एंट्री

मंत्रियों के चुनाव में उनकी राय को भी तरजीह मिल सकती है। उनके अनुसार केंद्रीय नेतृत्व तीनों ही राज्यों में नए चेहरों की कमान के साथ ही मंत्रिमंडल भी नया देखना चाहता है। लेकिन कुछ पुराने चेहरों को समायोजित भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संभावित मंत्रियों की अटकलें लगाना उचित नहीं होगा। मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की तरह मंत्रियों में भी चौंकाने वाले नाम दिखने को मिल सकते हैं।

दरअसल भाजपा मजबूत जनाधार वाले राज्यों में पुराने स्थापित नेताओं की जगह नए नेतृत्व को अवसर देने पर जोर दे रही है। गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को बदलने के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय, मध्यप्रदेश में मोहन यादव और राजस्थान में भजनलाल शर्मा जैसे नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है।

इनको दी जाएगी तरजीह

दैनिक जागरण को दिये साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने नए चेहरों को तरजीह देने को सही ठहराते हुए साफ किया कि लोगों के लिए ये चेहरे भले ही नए हों, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता के रूप में उनकी भूमिका काफी अहम रही है। साफ है कि भाजपा अब सिर्फ ब्रांडिंग के जरिये बड़ा दिखने वाले नेताओं के बजाय जमीनी स्तर पर संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जाएगी।

 



इस खबर को शेयर करें


Comments