चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, CPI(M), NCP और TMC बने राज्य स्तरीय दल, आप बनी राष्ट्रीय पार्टी

राष्ट्रीय            Apr 10, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

 भारतीय राजनीति में आज एक बड़ा उलटफेर हो गया। देश के सबसे राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग ने आज सोमवार 10 अप्रैल का राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर दिया। वहीं आम आदमी पार्टी को उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया।

चुनाव आयोग ने बताया कि आम आदमी पार्टी को चार राज्यों- दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है।

आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है, इसके अलावा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया गया है।

इसके साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) का भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन गया है। चुनाव आयोग की ओर से यह जानकारी दी गई है।

चुनाव आयोग ने बताया कि आप को चार राज्यों- दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है।

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है। इन पार्टियों को मिला राज्य स्तर के दल का दर्जा

नगालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी

त्रिपुरा में टिपरा मोथा

पश्चिम बंगाल में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी

मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी

नगालैंड में राकांपा

मेघालय में तृणमूल कांग्रेस

इन पार्टियों को भी लगा झटका

दरअसल, चुनाव आयोग ने 2016 में राष्ट्रीय पार्टी की स्थिति की समीक्षा के नियमों में बदलाव किया था, अब समीक्षा पांच के बजाए 10 साल में किए जाने का प्रावधान किया गया है।

हालांकि, किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के लिए आवश्यक है कि उसके उम्मीदवार देश में कम से कम चार से ज्यादा राज्यों में छह प्रतिशत से अधिक मत हासिल करें। लोकसभा में उसका प्रतिनिधित्व कम से कम चार सांसदों का हो।

2019 में नहीं हो पाई थी समीक्षा

वैसे तो आयोग को 2019 में ही टीएमसी, सीपीआई और एनसीपी को राष्ट्रीय दल की समीक्षा करनी थी, लेकिन तब आगामी राज्यों के चुनावों को देखते हुए आयोग ने समीक्षा नहीं की।

दरअसल, चुनाव चिन्ह आदेश 1968 के तहत अपने राष्ट्रीय दल के दर्जे को खोने पर पार्टी देश के सभी राज्यों में एक चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ सकती है।

अभी कितने राष्ट्रीय दल हैं?

  1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
  2. कांग्रेस
  3. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी)
  4. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
  5. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी)
  6. आम आदमी पार्टी (आप)। आप भारत की सबसे नई राष्ट्रीय पार्टी है। इस दल को साल 2023 यानी आज ही राष्ट्रीय दल की मान्यता हासिल हुई है।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है।
 चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा सोमवार शाम की।

साथ ही आयोग ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC), CPI और शरद पवार की NCP अब राष्ट्रीय पार्टियां नहीं रही हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

इस याचिका में  कहा गया है था कि देरी होने से चुनाव लड़ने की उसकी क्षमता बाधित हो रही है।

'आप' कर्नाटक के संयोजक पृथ्वी रेड्डी द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए सभी मानदंडों को पूरा करती है, लेकिन चुनाव आयोग (ECI) ने यह दर्जा देने से इनकार कर दिया है.

बात दें कि पिछले ही महीने चुनाव आयोग ने कहा था कि वो शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की "राष्ट्रीय पार्टी" स्थिति की समीक्षा करेगी. आयोग ने एनसीपी के प्रतिनिधित्व पर सुनवाई करेगा, जिसमें उसके फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी।

सूत्रों ने बताया था कि एनसीपी अब राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे की आवश्यकता को पूरा नहीं करती है. एक राजनीतिक दल को "राष्ट्रीय पार्टी" के रूप में मान्यता दी जाती है, यदि उसके उम्मीदवार लोकसभा या विधानसभा चुनावों में चार या अधिक राज्यों में कम से कम 6 फीसद वोट हासिल करते हैं।

इसके अलावा उसे कम से कम चार लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करनी होती है.

आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया।

उन्होंने इस ट्वीट में लिखा कि इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं, सबको बहुत बहुत बधाई. देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहाँ तक पहुँचाया. लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है।

 आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी दी है. हे प्रभु, हमें आशीर्वाद दो कि हम ये ज़िम्मेदारी अच्छे से पूरी करें।

राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए क्या हैं शर्तें ?

अगर किसी दल को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल हो तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सकता है।

अगर किसी पार्टी का 3 राज्यों में मिलाकर लोकसभा की 3 फीसदी सीटें जीत जाती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है।

अगर कोई पार्टी 4 लोकसभा सीट के अलावा लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में छह फीसदी वोट शेयर हासिल करती है तो उसे भी ये दर्जा मिल सकता है.

अगर कोई पार्टी इन तीनों शर्तों से किसी एक शर्त को भी पूरा कर देती है तो उसे भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।

आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद ये फायदे मिल सकेंगे :

  1. आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू परमानेंट हो जाएगा. अब AAP का पूरे देश में एक ही चुनाव चिन्ह होगा. पार्टी का यह झाडू चिन्ह उसके लिए रिजर्व होगा.कोई दूसरी पार्टी का उम्मीदवार इस चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ सकेगा।
  2. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अब बैलेट / ईवीएम के उम्मीदवारों के क्रम में में ऊपर नजर आ सकेंगे।
  3. आम आदमी पार्टी को देश की राजधानी में एक दफ्तर मिल सकेगा।
  4. आम आदमी पार्टी को अब तक कुछ रुपये खर्च करके वोटर लिस्ट प्राप्त करनी होती थी लेकिन अब आम आदमी पार्टी को अधिकार होगा कि वह हर राज्य में वोटर लिस्ट मुफ्त में पा सके।
  5. राष्ट्रीय स्तर पर अब आम आदमी पार्टी 20 से ज्यादा स्टार कैंपेनरों को अपनी लिस्ट में शामिल कर सकती है. यह संख्या बढ़कर अब 40 तक पहुंच जाएगी।
  6. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त होने के बाद आम आदमी पार्टी को अब राष्ट्रीय स्तर के चुनाव में आम लोगों को संबोधित करने के लिए रेडियो और टेलीविजन पर समय मिल सकेगा।
  7. राष्ट्रीय दर्जा वाली पार्टी के अध्यक्ष, सरकारी आवास पाने के पात्र होते हैं।
  8. राष्ट्रीय दर्जा पाने वाली पार्टी को नामांकन पत्र में अब केवल एक प्रस्तावक की आवश्यकता

आंध्र प्रदेश में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा छिन गया है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पिछले साल ही तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया  था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को राज्य पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है रहेगी।

 



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