मल्हार मीडिया डेस्क।
कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर में कल देर रात एक बिस्तर के नीचे 23 बक्सों में छिपाकर रखी गई 42 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी बरामद हुई है।
इस बड़ी रकम का खुलासा आर अंबिकापति पर आयकर विभाग के छापे के दौरान हुआ था। मजे की बात ये है कि अंबिकापति ने ही जिन्होंने कर्नाटक में पिछली भाजपा सरकार पर 40 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया था।
रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि नकदी को पड़ोसी राज्य तेलंगाना ले जाया जाना था; हालाँकि, इस मामले पर आधिकारिक बयान अभी जारी नहीं किया गया है।
500 रुपये के नोटों की शक्ल में यह राशि वार्ड 95 के एक पूर्व कॉर्पोरेटर के आवास पर 23 गत्ते के बक्सों में रखी गई थी।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ठेकेदार ने कथित तौर पर छापे में बाधा डालने की कोशिश की और उस फ्लैट की चाबियों को सौंपने से रोकने का प्रयास किया, जहां से धन बरामद हुआ।
गौरतलब है कि अंबिकापति को कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में एक अभियान के दौरान प्रसिद्धि मिली थी। अभियान में पिछली भाजपा सरकार पर राज्य सरकार के ठेकों के लिए ’40 प्रतिशत कमीशन’ वसूलने का इल्जाम लगाया गया था।
इसके अतिरिक्त, वह भ्रष्टाचार के आरोपों पर पूर्व मंत्री मुनिरत्ना द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में पकड़े गए ठेकेदारों में से एक थे, हालाँकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
राज्य में कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए, भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने दावा किया कि पांच राज्यों में आगामी चुनावों के वित्तपोषण के लिए कमीशन के रूप में ठेकेदारों से धन एकत्र किया गया था।
उन्होंने कहा कि, ‘यह सहायक साक्ष्यों के साथ (कांग्रेस सरकार के खिलाफ) ‘ATM सरकार’ के आरोपों की पुष्टि करता है, जो आशंका जताई गई है वह ‘ATM सरकार’ द्वारा एकत्र किए गए धन का एक अंश है।
ऐसे कई उदाहरण हैं। जब्त किया गया धन संचित धन का एक हिस्सा है। इसे एक प्रतिनिधि उदाहरण के रूप में समझें।” भाजपा नेता ने अन्य ठेकेदारों को आगे आने और कथित तौर पर सौंपे गए धन का खुलासा करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए यह बात कही है।
वहीं, आरोपों को ”निराधार” बताकर खारिज करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि, ”आरोप निराधार हैं। किसी भी राज्य (कांग्रेस के भीतर) ने पैसे नहीं मांगे हैं।
हमने किसी को कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया है, क्या आपने इसे देखा है? क्या (आरोप लगाने वाले भाजपा सदस्यों ने) दूसरे राज्यों को धन हस्तांतरित होते देखा है? ऐसे भ्रामक दावों का कोई आधार नहीं है।”
Comments