मल्हार मीडिया ब्यूरो।
झारखंड में हेमंत सोरेन के बाद सोरेन परिवार में ऐसा क्या था जिसके चलते कल्पना मुर्मू सोरेन को राजनीती में आने के लिए विवश होना पड़ा. कल्पना ने इसको लेकर झारखंड के लोगों के नाम भावुक लेटर लिखा है.
इस लेटर को उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. इस पोस्ट में कल्पना ने जहां राजनीति को अपनी मजबूरी बताया वहीं हेमंत सोरेन के झारखंड के लिए योगदान को याद किया और अपने लिये ताकत व ऊर्जा का स्रोत बताया. इस पत्र में कल्पना ने केंद्र सरकार को तानाशाह करार दिया और अपनी नई पारी में भी बेहतर करने की उम्मीद जताई.
कल्पना सोरेन ने लिखा है, राजनीति, दल, सरकार सब आपकी (हेमंत सोरेन) की जिम्मेदारी रही. मैं घर, बच्चे, आदरणीय बाबा, मां और परिवार के देखभाल में खुश थी. ना मुझे कभी राजनीति में आने को शौक था, ना ही मैंने कभी सोचा था कि मुझे यह करना है, पर तानाशाहों ने 31 जनवरी को हमारी जिंदगी बदल दी. आपके साथ ही मेरी आत्मा को भी चारदीवारी में कैद कर लिया.
कौन है सबसे बड़ी ताकत – आपने हमेशा झारखंड के लोगों को अपनी सबसे बड़ी ताकत माना, अपनी सबसे बड़ी जिम्मेवारी मानी. इस जिम्मेवारी को निभाने के क्रम में हमने आपको एक ओर गरीब-मजलूमों को झुककर गले लगाते देखा, तो दूसरी ओर तानाशाह के सामने सीना ताने खड़े भी देखा. चहारदीवारी से बाहर निकल, आपके झारखंड परिवार से रूबरू होने के बाद ही मैं आपके इस जुनून के पीछे की शक्ति एवं संकल्प को सही से समझ पायी.
तानाशाही-सामंती ताकतों के सामने खड़े आप सच्चे अर्थों में झारखंड के स्वभाव को प्रतिबिंबित करते हैं. एक ओर जहां आप झारखंड के करोड़ों लोगों की हिम्मत हैं वहीं मैं समझती हूं कि आपकी हिम्मत झारखंड के लोग ही हैं.
पडयंत्र करने वालों को चेतावनी कल्पना आगे लिखती है कि…जैसा स्नेह और आशीर्वाद अब तक मुझे राज्य के कोने-कोने में मिला है, वह आपके प्रति लोगों के प्यार के कारण ही हो सका है. मेरे साथ-साथ, झारखंड के लोगों ने ठाना है कि INDIA गठबंधन के उम्मीदवार सभी सीटों पर बड़ी जीत दर्ज कर सकें जिससे कि भविष्य में कोई तानाशाह षड्यंत्र रचने के पहले हजार बार सोचे. मेरे साथ-साथ, आपके करोड़ों समर्थक, आपका इंतजार कर रहे हैं.
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