मल्हार मीडिया भोपाल।
कोविड महामारी दौर में ग्लोबल वैल्यू चेन पर पड़े दुष्प्रभाव ने वैश्विक व्यापार एवं अर्थ-व्यवस्था को ज़ोरदार झटका दिया है।
इस दौरान व्यापार प्रतिबंधों एवं सप्लाई चेन पर पड़े दबाव ने विशेष रूप से अल्प विकसित एवं कम आय वाले देशों को अपना शिकार बनाया।
कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में थिंक 20 के प्लेनरी सत्र-5 "न्यू कॉम्प्लिमेनट्रीज़ इन ट्रेड एंड वैल्यू चेन्स" की अध्यक्षता कर रहे सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग बांग्लादेश के प्रो. मुस्तफिज़ूर रहमान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
प्रो. रहमान, ने कहा कि आज जब हम वैश्विक विकास की बात कर रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हमारा विकास का मॉडल समावेशी हो।
कम्पीटिटिवनेस के साथ अल्पविकसित एवं विकासशील देशों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी तक पहुँच एवं विशेष ट्रेड प्रावधान होने चाहिए, जो इन देशों की वैश्विक बाज़ार तक पहुँच स्थापित करने में सहायक हो।
उन्होंने कहा कि आज की तेज़ी से बदलती अर्थ-व्यवस्था में ग्लोबल वैल्यू चेन को और सशक्त करने की ज़रूरत है।
डॉ. पॉश राज पांडे, चेयरमेन, SAWTEE, नेपाल ने बदलते हुए भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक परिवेश का व्यापार एवं वैल्यू चेन पर पड़ रहे दुष्प्रभाव का उल्लेख किया।
उन्नत तकनीकी, डिजिटलीकरण की सार्वभौमिक पहुँच के साथ संचार एवं परिवहन तंत्र की लागत कम करना वैल्यू चेन को सशक्त करने में सहयोगी होगा।।
उन्होंने दक्षिण-दक्षिण, उत्तर-दक्षिण सहयोग के साथ ट्राइएंगुलर सहयोग पर भी ज़ोर दिया। वैश्विक वैल्यू चेन के साथ क्षेत्रीय वैल्यू चेन को भी सशक्त करना चाहिए।
सहभागी नवाचार, सूचनाओं का प्रदाय एवं ज्ञान का एकीकरण इस दिशा में सकारात्मक पहल होगी। अल्पविकसित देशों में पूँजी की उपलब्धता एवं नॉन टैरिफ बेरियर्स का युक्तिसंगत किया जाना ग्लोबल वैल्यू चेन को मजबूत एवं व्यापार में सहभागिता को बढ़ावा देगा।
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